अगले दो महीने में विभाग को 40 फीसदी राशि खर्च करनी है
पटना : ऊर्जा विभाग चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में अपने बजट का 60 फीसदी खर्च कर चुका है. अगले दो महीने में विभाग को 40 फीसदी राशि खर्च करनी है. पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में विभाग ने अपने कुल बजट का 84 फीसदी राशि खर्च की थी. राज्य में ऊर्जा के सेक्टर में मिशन मोड पर काम हो रहा है. 2018 के अंत तक राज्य के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है.
ऊर्जा सेक्टर में अधिकतर काम बिजली कंपनी के जरिये होती है. विभाग इनकी निगरानी करता है. 24 घंटे सातों दिन बिजली की उपलब्धता इस कंसेप्ट पर राज्य में काम हो रहा है. हर घर बिजली के जरिये सभी घरों में बिजली पहुंचेगी. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के जरिये ग्रामीण विद्युतीकरण का काम चल रहा है. कृषि फीडर के लिए अलग से बिजली की व्यवस्था हो रही है. राज्य में नये बिजली घरों का निर्माण होना है. ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीव्यूशन लाइन दुरुस्त की जा रही है.
राज्य में बिजली की खपत भी लगातार बढ़ रही है. बिजली की अधिकतर योजना के लिए केंद्र धनराशि उपलब्ध कराती है. बीआरजीएफ में ऊर्जा सेक्टर का काफी बकाया है. चालू वित्तीय वर्ष का बजट सदन में रखते हुए ऊर्जा मंत्री ने 143 अरब 67 करोड़ का अनुदान मांग को रखा था. जानकारी के अनुसार राज्य योजना में 8831 करोड़ में से दिसंबर तक 4258 करोड़ खर्च कर चुका है.
विभाग के एक अधिकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष के अंत तक बजट की पूरी राशि खर्च हो जायेगी. पिछले साल 84 फीसदी राशि खर्च हुई थी. मुख्यमंत्री विद्युत संबंध योजना पर 1897.50 करोड़ खर्च होगा. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में 5800 करोड़ से अधिक खर्च होगा. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि विभाग बजट की राशि खर्च करने में लगी है. राज्य ने ऊर्जा के क्षेत्र में काफी उपलब्धि हासिल की है.