यांित्रकीकरण. डीएओ ने कृषि कार्यालय परिसर में मेले का किया उद्घाटन
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किसानों ने नहीं खरीदे बड़े कृषि यंत्र, छोटे यंत्रों की मारामारी
यांित्रकीकरण. डीएओ ने कृषि कार्यालय परिसर में मेले का किया उद्घाटन कृषि मेला दो दिवसीय कृषि मेले के पहले दिन जिलेभर के किसानों की उमड़ी भीड़, 108 यंत्रों की हुई बिक्री बेतिया : जिला कृषि कार्यालय परिसर में लगे दो दिवसीय कृषि यांत्रिकी मेला के पहले दिन मंगलवार को किसान उमड़ पड़े. बड़े कृषि यंत्रों […]
कृषि मेला
दो दिवसीय कृषि मेले के पहले दिन जिलेभर के किसानों की उमड़ी भीड़, 108 यंत्रों की हुई बिक्री
बेतिया : जिला कृषि कार्यालय परिसर में लगे दो दिवसीय कृषि यांत्रिकी मेला के पहले दिन मंगलवार को किसान उमड़ पड़े. बड़े कृषि यंत्रों को खरीदने में जहां किसानों ने रुचि नहीं दिखाई. वहीं छोटे यंत्रों की खरीदारी के लिए मारामारी दिखी. कुछ 108 छोटे कृषि यंत्र मेले में बिके. इस दौरान किसानों को खेती की तरकीबें भी बतायी गयी. नये-नये कृषि यंत्रों से किसान रूबरू हुए.इसके पूर्व कृषि मेला का उद्घाटनजिला कृषि पदाधिकारी शीलाजीत सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया.
डीएओ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे ज्यादा-से-ज्यादा कृषि यंत्रों की खरीदारी करे. सरकार की ओर से कृषि यंत्रिकरण को बढ़वा देने के लिए यंत्रों की खरीदारी पर किसानों को सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी की राशि किसानों के खाते में सीधे जायेगी. उन्होंने कहा कि किसानों की उन्नति व प्रगति के लिए तमाम योजनाएं चलायी जा रही है. सब्सिडी पर बीज उपजब्ध कराया जा रहा है. सिंचाई में भी सहूलियत दी जा रही है. खाद भी उचित दर पर उपलब्ध कराया जाता है. आज कृषि मेला भी किसानों को इन योजनाओं का लाभ दिलाने में लगाया गया है.
कार्यक्रम का संचालन तकनीकी सहायक राजेश वर्मा ने की. मौके पर बीएओ संजय शर्मा, अशोक सहनी, चन्द्रभूषण शाही, विनय कुमार, परमानंद राम आदि मौजूद रहे. में बड़े कृषि यंत्रों की खरीदारी में किसानों की रूचि नहीं है. वे छोटे यंत्रों की खरीदारी करते रहे. इस दौरान किसानों का सबसे ज्यादा भीड़ चारामशीन व गोटर के लगे स्टॉल पर देखा गया है. मेला में कुल 108 छोटे कृषि यंत्रों की बिक्री हुई. मेला के प्रथम दिन सबसे ज्यादा 55 चारामशीन, 27 गटोर मशीन, 26 पावर स्प्रे मशीन व 10 पंप सेटों की बिक्री हुई.
बिक्री का नहीं खुला खाता : यूं तो कृषि यांत्रिकरण मेला में छोटे कृषि यंत्रों की बिक्री ज्यादा रही. लेकिन बड़े कृषि यंत्र रोटावेटर, केनकटर, जीरो टिलेज, हैरो, कल्टीवेटर, पावर टिलर, राइस मिल, आदि की बिक्री का खाता नहीं खुला. इसका सबसे बड़ा कारण यंत्रों की कीमत ज्यादा होना है. इसके अलावे जिले में किसानों की कृषि योग्य भूमि एकत्रित नहीं होना भी है. कारण कि बड़े कृषि यंत्रों का प्रयोग कृषि योग्य बड़े फार्म या एकत्रित भूमि पर हीं आसानी से किया जाता है.
खरीदारी पर मिलने वाली सब्सिडी की राशि
यंत्र का नाम सब्सिडी
पंपसेट 10 हजार
चारामशीन 3 हजार
गटोर मशीन 2 हजार
पावर स्प्रे मशीन 2 हजार
रोटावेटर 20 हजार
जीरो टिलेज 30 हजार
हैरो 10 हजार
कल्टिवेटर 10 हजार
राइस मिल 45 हजार
पावर टिलर 60 हजार
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