मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में शराब पीते पकड़े गये चार लोगों ने अस्पताल व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. शराबबंदी के बाद सरकारी कार्यालय में शराब पीने व पिलाने की हिमाकत छोटी नहीं है. ड्यूटी के समय में किसी कार्यालय में दूसरे लोग आकर शराब का सेवन करे, इससे बड़ी विडंबना क्या होगी. हैरानी इस बात की है कि कार्यालय में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं है. आखिर यह कैसे संभव है कि कोर्इ बाहरी व्यक्ति अस्पताल के किसी विभाग में जाकर शराब का सेवन करे. हैरानी इस बात की भी है कि जिस जगह पर शराब का सेवन किया जा रहा था, उसी के बगल में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है.
उसी के ऊपरी तल्ले पर फाइलेरिया विभाग का कार्यालय चलता है. बावजूद ड्यूटी के समय वहां पर शराब पीने-पिलाने का दौर चला. पकड़े गये चारों व्यक्ति का कहना था कि उन्हें अस्पताल कर्मी ललन सिंह ने यहां बुलाया था. उन्होंने दावत दी थी. हालांकि आरोपित कर्मी ललन सिंह पुलिस की पकड़ में नहीं आये. इस बाबत अस्पताल के कई कर्मियों ने पूछे जाने पर अलग-अलग बातें कही. एक ने कहा कि ललन सिंह पटना गये हुए हैं तो दूसरे ने कहा कि पुलिस छापेमारी के आधे घंटे पहले वह अस्पताल में देखे गये थे. इस घटना के बाद कई कर्मियों ने इसे अफसोसजनक बताया. उनका कहना था कि इस तरह की घटना से अस्पताल बदनाम हुआ है. इस संदर्भ में सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.