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जल्लीकट्टू हिंसा : बोले सुपरस्टार रजनीकांत, ‘‘असामाजिक तत्व”” छात्र आंदोलन को कर रहे हैं बदनाम

चेन्नई : हफ्ते भर चले विरोध प्रदर्शन के बीच सांडों के खेल जलीकट्टु से जुड़ा बिल तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को सर्वसम्मति पास किया जा चुका है. वहीं सरकार ने पशुओं पर क्रूरता से जुड़े बिल में संशोधन किया गया है. हालांकि इससे पहले सोमवार को दिन पर तमिलनाडु की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन होते […]

चेन्नई : हफ्ते भर चले विरोध प्रदर्शन के बीच सांडों के खेल जलीकट्टु से जुड़ा बिल तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को सर्वसम्मति पास किया जा चुका है. वहीं सरकार ने पशुओं पर क्रूरता से जुड़े बिल में संशोधन किया गया है. हालांकि इससे पहले सोमवार को दिन पर तमिलनाडु की सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन होते रहे. इसी बीच तमिल सितारों रजनीकांत और कमल हासन ने जल्लीकट्टू प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में यहां हुयी हिंसा पर चिंता जतायी तथा आंदोलनरत छात्रों से संयम बरतने का आह्वान किया.

रजनीकांत ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन को भारतीय इतिहास में ‘‘स्वर्णाक्षरों में लिखा जाना चाहिए” और इसने बडे स्तर पर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है. उन्होंने कहा कि युवा और महिलाओं सहित विभिन्न तबकों के लोगों ने उनका समर्थन किया तथा उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को आगे बढाया. उन्होंने हिंसा और पुलिस कार्रवाई का जाहिरा तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि इस चरण में कुछ घटनाओं को देखकर वह दुखी हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ ‘‘असामाजिक तत्व” छात्रों के आंदोलन तथा उनके द्वारा पैदा की गयी सद्भावना को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. रजनीकांत ने कहा, ‘‘आपको उन्हें अपने आंदोलन और सद्भावना को बदनाम नहीं करने देना चाहिए, इसके अलावा पुलिस आपके प्रदर्शनों की समर्थक रही है.” उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप इस प्रदर्शन को तुरंत समाप्त करें.” मौजूदा घटनाक्रम को लेकर कमल हासन भी विद्यार्थियों और युवाओं के समर्थन में उतर आए और कहा, ‘‘ विद्यार्थियों के शांतिपूर्ण विरोध पर पुलिस की आक्रामक कार्रवाई के अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे.” उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा का रास्ता नहीं अपनाने का आग्रह किया.

हासन ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ यह एक गलती है. विद्यार्थियों के शांतिपूर्ण विरोध पर आक्रामक पुलिस कार्रवाई के अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे.” उन्होंने विद्यार्थियों और युवाओं से हिंसा पर उतारु नहीं होने की अपील करते हुए यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी उठाया. उन्होंने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने सर्वश्रेष्ठ संपर्कों के जरिए प्रधानमंत्री को सूचित किया है. अभिनेता कमल हासन ने जोर देकर कहा कि प्रदर्शनकारी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएं. विद्यार्थियों और आम जनता को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए.

इस बीच, अभिनेता बालाजी ने यह कहते हुए प्रदर्शनकारियों से घर जाने का अनुरोध किया कि सरकार खुद अध्यादेश लेकर आई है जो पिछले सप्ताह किए गए शांतिपूर्ण विरोध की सफलता है. उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘‘प्रथम सफलता का जश्न मनाने के बजाय आप क्यों हिंसक विरोध पर उतारु हो रहे हैं.” अभिनेता राघव लॉरेंस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी छात्रों में विभिन्न संगठन के लोग मिल गए हैं और वे लोग हिंसक गतिविधियों के पीछे थे ताकि जल्लीकट्टू के स्थायी समाधान के मुद्दे से ध्यान हटाया जा सके.

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