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ई-मार्केटिंग से जुड़ेंगे हस्त शिल्प कलाकार

मधुबनी : हस्त शिल्प से जुड़े कलाकारों का दिन अब बहुरने वाला है. कलाकारों को अब ई मार्केटिंग से जोड़ा जायेगा. इसके लिये हस्त शिल्प विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार मधुबनी जिले सहित 17 जिले के करीब छह हजार कलाकार ई मार्केटिंग से जुड़ेंगे. वहीं करीब 10 हजार कलाकरों को […]

मधुबनी : हस्त शिल्प से जुड़े कलाकारों का दिन अब बहुरने वाला है. कलाकारों को अब ई मार्केटिंग से जोड़ा जायेगा. इसके लिये हस्त शिल्प विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार मधुबनी जिले सहित 17 जिले के करीब छह हजार कलाकार ई मार्केटिंग से जुड़ेंगे. वहीं करीब 10 हजार कलाकरों को जिन्हें वस्त्र मंत्रालय के द्वारा कार्ड जारी हुआ है.

इन्हें सरकार द्वारा सस्ते व्याज दर पर ऋण मुहैया कराया जायेगा. इसकी जानकारी देते हुए हस्त शिल्प संर्वद्धन पदाधिकारी भुवन भास्कर ने बताया कि हैंडी क्राफ्ट के छह हजार कलाकार को देश – विदेशों में लगने वाले प्रदर्शनी एवं हाट से जोड़ा जाएगा. ये लोग सीधे तौर पर अपने उत्पाद को बेच सकेंगे.

बिचौलियापन से मिलेगी निजात.
ई मार्केटिंग से जुड़ने पर कलाकार सीधे तौर पर बाजार में अपनी कलाकृति को बेच सकेंगे. उन्हें अपने कलाकृति को बेचने के लिये किसी बिचौलिये पर निर्भर नहीं होना होगा. इससे पूर्व जिले के अधिकांश कलाकारों को अपनी कलाकृति बेचने के लिये बिचौलिये पर ही निर्भर रहना पड़ता था. जिससे उन्हें मेहनत और कला के अनुसार राशि नहीं मिल पाती थी. जानकारी के अनुसार हर साल जिले के लगभग 300 कलाकारों को देश के विभिन्न हिस्से में लगने वाले प्रदर्शनी व हाटों पर भेजा जाता है. इनमें दिल्ली हाट, विभिन्न शहर में लगने वाले गांधी शिल्प बाजार, क्राफ्ट बाजार, विशेष प्रदर्शनी में जाने वाले कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर कलाकृतियों को बेचते भी है. इस वर्ष ग्वालियर हाट मेला 11 जनवरी से 20 जनवरी में भाग लेने मिथिला पेंटिंग के कलाकार जगतपुर मिठौली के ज्वाला देवी को भेजा गया है. वहीं 13 जनवरी से 21 जनवरी तक गांधी शिल्प बाजार सिकी ग्राम इंदौर के लिए रेणु देवी एवं मुरारी मोहन मिश्र को भेजा गया है. इन हाटों में सम्मिलित होने के लिए काउंटर, काउंटर में लगने वाली राशि, कलाकारों को आने जाने का टिकट एवं 150 रुपये प्रतिदिन भोजन भत्ता के रूप में दिया जाता है.
कलाकार ले सकेंगे ऋण. हैंडी क्राफ्ट से जुड़े कलाकार अपने कला को बृहत रूप देने के लिए बैंकों से आर्टिसन क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर वित्तीय समस्या से निदान पा सकते है. वस्त्र मंत्रालय के निर्देश के आलोक में बैंकों को यह ऋण उपलब्ध कराना है. श्री भास्कर ने बताया कि कलाकार के संवर्द्धन के लिए बैंकरों से बात चल रही है. एक लाख तक के ऋण पर कलाकारों को छह प्रतिशत तक ऋण लोन में ब्याज पर छूट मिलेगी. ऋण पर ब्याज दरों में छूट की भरपाई भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा की जायेगी.
हस्त शिल्प की निम्न विधाएं. देश विदेश में मिथिला या मधुबनी चित्रकला चर्चित है. पर हस्त शिल्प की अन्य विधांए भी है. जिनमें सजावटी एवं अन्य घरेलू उपयोगी वस्तु बनाये जाते हैं. इन कला से जुड़े करीब तीन हजार कलाकार जिले भर में हैं. ये कला हैं सिकी (घास) से बना सामान, पेपर मेसी (रद्दी कागज को गलाकर बनने वाले उपयोगी वस्तु), टेरा कोटा (मिट्टी का सजावटी) उपयोगी सामान, सुजनी निर्माण (पुराने कपड़े को सिल कर) नये नये डिजाइन के गद्दी तैयार करना) ऐप्लिक (लाह से बने चूड़ी का सामान) आदी है.
छह हजार कलाकारों को वस्त्र मंत्रालय ने उपलब्ध कराया कार्ड
देश विदेश में सीधे तौर पर कलाकृति को बेचने का मिलेगा मौका
मिथिला पेंटिंग के अलावे हस्त शिल्प के छह अन्य विधा के हैं करीब तीन हजार कलाकार

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