सिलीगुड़ी: पिछले पांच वर्षों से राज्य सरकार द्वारा उत्तर बंग उत्सव के आयोजन का सिलसिला जारी है. हांलाकि हर साल ही इसको लेकर कोइ ना कोइ विवाद होता है. इस साल भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति है. 22 जनवरी रविवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दार्जिलिंग जिले के कर्सियांग स्थित डाउहिल से इस उत्सव का शुभारंभ करेंगी. इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले बजट एक चौथाई की कमी कर दी गयी है. उपर से आयोजन को लेकर राज्य सरकार के ही दो मंत्रालयों के बीच विवाद शुरू हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी इससे अवगत करा दिया गया है.
रविवार से सिलीगुड़ी सहित उत्तर बंगाल के सातों जिलों में उत्तर बंगाल उत्सव का आगाज होना है. कर्सियांग पहुंच चुकी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार दोपहर 1 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस से इस उत्सव का शुभारंभ करेगी. उत्तर बंगाल उत्सव के आगाज के अवसर पर 22 जनवरी की सुबह 10 बजे बाघाजतीन पार्क से एक रंगारंग शोभायात्रा का आयोजन किया गया है. शोभायात्रा हिलकार्ट रोड, एयरभ्यू मोड़ से होकर पानीटंकी मोड़, विधान रोड होते हुए कंचनजंघा स्टेडियम पहुंचेगी. कंचनजंघा स्टेडिएम में उत्सव मंच बनकर तैयार है. वर्ष 2011 में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की मुख्यमंत्री बनी ममता बनर्जी ने एक नया मंत्रालय उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय का गठन किया और व डाबग्राम-फूलबाड़ी के विधायक गौतम देव को इसका मंत्री बना दिया. प्रथम वर्ष से ही उत्तर बंगाल उत्सव का आयोजन उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय की ओर से हो रहा है. इस बार भी उत्तर बंगाल विकास मंत्रालय ही उत्सव का मुख्य आयोजक है,उसके बाद भी विभागीय मंत्री रवींद्रनाथ घोष दूरी बनाये हुए हैं. उत्तर बंगाल उत्सव कमिटी की बैठक से लेकर इसके कार्यक्रमों की घोषणा तक राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव कर रहे हैं. इससे इन दोनों मंत्रियों के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया है.
इसबीच,इस विवाद ने तब और गंभीर रूप धारण कर लिया जब उत्तर बंगाल उत्सव के प्रचार सामग्रियों से पर्यटन मंत्रालय का नाम गायब कर दिया गया. हांलाकि अधिकारी इसे भूल करार दे रहे हैं.लेकिन जो गड़बड़ी होनी थी,पह हो चुकी. इस उत्सव के लिये पर्यटन मंत्रालय ने दस लाख रूपये उत्सव कमिटी को दिया है. इस संबंध में पर्यटन मंत्री गौतम देव ने कहा कि मंत्रालय का नाम होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. हमसब मिलकर इस उत्सव को सफल बनाने में जुटे हैं. इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष इस उत्सव का बजट तीन से चार करोड़ का होता रहा है. लेकिन इस बार उत्सव का बजट मात्र एक करोड़ रूपए का है.
बजट को ध्यान में रखते हुए उत्सव के कार्यक्रम में काफी कटौती की गयी है. सबसे बड़ा झटका उत्तर बंगाल के सभी क्लबों को लगा है. इस उत्सव के माध्यम से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रत्येक वर्ष खेलकूद व इलाके में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए क्लबों को दो-दो लाख रूपए देती थी. बजट कम होने की वजह से इसे स्थगित किया गया है. इसके अतिरिक्त इस बार प्रत्येक जिले से केवल एक ही व्यक्ति को बंग रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. पूरे उत्तर बंगाल के एक सौ के बदले सिर्फ 80 मेधावी विद्यार्थी को पुरस्कृत किया जायेगा. उत्सव के दौरान सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडिएम में लगने वाले मेले को भीं बंद कर दिया गया है. इसके अलावे उत्तर बंगाल के प्रत्येक उत्सव मंच पर हर रोज संगीत व नृत्य जैसे कई कार्यक्रमों को भी सूची से बाहर कर दिया गया है.
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम में उत्सव के लिए मंच बनाया जा रहा है. इस मंच को लेकर सिलीगुड़ी महकमा क्रीड़ा परिषद ने चिंता जतायी है. फरवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले आइलीग फुटबॉल प्रतियोगिता के कुछ मैच यहां खेले जायेंगे. इस मैदान में मंच बनाने के अलावा चिंत्राकन प्रतियोगिता के लिये बांस का घेरा भी बनाया जायेगा. इससे मैदान को नुकसान होने की संभावना है. हांलाकि उत्सव के आयोजकों ने मैदान को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने का दावा किया है. उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष का भी कहना है कि उत्सव के आयोजन से कंचनजंघा स्टेडियम मैदान को कोइ नुकसान नहीं होगा. लोहे के फ्रेम से मंच तैयार किया जा रहा है.