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डीएम के आदेश के बाद भी प्राथमिकी नहीं

मनरेगा में अनियमितता बरतने के मामले में गोगरी के पूर्व पीओ, इंजीनियर समेत छह आरोपितों पर कार्रवाई में देरी से उठे सवाल. गोगरी : नगर पंचायत में पूर्व मुखिया उमेश पटेल के द्वारा किये गए मनरेगा योजना में गड़बड़ी के खुलासा बाद डीएम द्वारा आरोपियों पर प्राथमिकी के आदेश के तीन दिन बाद भी स्थानीय […]

मनरेगा में अनियमितता बरतने के मामले में गोगरी के पूर्व पीओ, इंजीनियर समेत छह आरोपितों पर कार्रवाई में देरी से उठे सवाल.
गोगरी : नगर पंचायत में पूर्व मुखिया उमेश पटेल के द्वारा किये गए मनरेगा योजना में गड़बड़ी के खुलासा बाद डीएम द्वारा आरोपियों पर प्राथमिकी के आदेश के तीन दिन बाद भी स्थानीय प्रशासन की नींद नहीं खुली है. बता दें कि मनरेगा के पूर्व पीओ, इंजीनियरों समेत गोगरी पंचायत के पूर्व मुखिया, पंचायत सचिव व पीआरएस पर प्राथमिकी के आदेश जिला ग्रामीण विकास अभिकरण खगड़िया को ज्ञापांक 57 और दिनांक 17 जनबरी 2017 को दिया गया है. लेकिन जिला पदाधिकारी के आदेश के तीन दिन बाद भी गोगरी के मनरेगा पीओ रामगंगा प्राथमिकी दर्ज करने में टालमटोल कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार 2007-08 से 2009-10 की मनरेगा योजना में गड़बड़ी करने के मामले में पटना के द्वारा आई टीम ने जांच में कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि व अन्य को दोषी पाते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की थी बीते तीन मई 2016 को दोषी पाए गये छह आरोपियों पर प्राथमिकी के आदेश होते ही हड़कंप मच गया है. डीएम जय सिंह ने गोगरी प्रखंड के पूर्व पीओ दिलीप कुमार, सहायक अभियंता कृष्ण कुमार चौधरी, कनीय अभियंता राजेंद्र प्रसाद साहू,गोगरी पंचायत के पूर्व मुखिया उमेश पटेल सहित पंचायत सचिव कौशल किशोर तिवारी व पीआरएस अमरेंद्र कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने सहित अन्य कार्रवाई के आदेश दिये हैं.
मुंगेर में पदस्थापति है आरोपी मनरेगा पीओ
वर्तमान समय में आरोपित पीओ मुंगेर जिले में पदस्थापित है. इसलिए आरोपी मनरेगा पीओ पर कार्रवाई के लिए मुंगेर के डीएम को पत्र भेजा गया है. इसके अलावा सहायक अभियंता तथा कनीय अभियंता स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन विभाग के है. इसलिए इन दोनों अभियंता के विरुद्ध प्रपत्र क में आरोप गठित करने के लिए विभागीय कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा गया है. साथ ही डीएम जय सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश भी दे दिया है. वहीं इस योजना में अभिकर्ता का कार्य कर चुके पंचायत सचिव कौशल किशोर तिवारी पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश भी जारी किया गया है, जबकि इसी मामले के एक अन्य आरोपित पीआरएस अमरेंद्र कुमार फिलहाल इस सेवा में नहीं है.
लोकायुक्त का था आदेश
पीओ, सहायक अभियंता, कनिय अभियंता, पूर्व मुखिया सहित दोनों पंचायत कर्मियों के विरुद्ध लोकायुक्त पटना के आदेश पर कार्रवाई की गयी है.
जानकारी के मुताबिक गोगरी पंचायत में मनरेगा योजना में अनियमितता बरतने की शिकायत इसी पंचायत के तत्कालीन मुखिया वकील यादव ने लोकायुक्त पटना से की थी. शिकायत के आलोक में निगरानी विभाग से मामले की जांच में गड़बड़ी का खुलासा हुआ. जांच में कई आरोप सत्य पाये जाने के बाद निगरानी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त ने उक्त सभी छह लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
छह माह बाद प्राथमिकी के आदेश
लोकायुक्त के आदेश के छह माह बीत जाने के बाद इस मामले में दोषी सहकारी लोक सेवक व पंचायत के तत्कालीन मुखिया के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश पर अंतिम मुहर लगी है.पहले तो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पत्राचार हो रहा था. जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त व जिला लोकायुक्त कोषांग से जारी कार्रवाई आदेश के बाद डीडीसी ने 26 जून,15 जुलाई तथा 28 जुलाई को इस मामले में गोगरी पीओ को सभी आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिये थे, लेकिन पीओ ने कार्रवाई करने की जगह पहले इस आदेश के लगभग डेढ़ माह तक अपने कार्यालय में लंबित रखा. फिर उन्होंने उप विकास आयुक्त से यह मार्गदर्शन मांगा कि किस आरोपित पर वे कौन सी कार्रवाई करेंगे.
पीओ की रिपोर्ट पर उठे सवाल
पीओ के द्वारा जिला स्तर पर भेजी गयी रिपोर्ट को आधा अधूरा है. जिसमें स्पष्ट रूप से कुछ भी स्वीकार नहीं किया गया. लिपिक से लेकर डीआरडीए निदेशक मुकेश कुमार सिन्हा ने अनुबंधकर्मी पर विभागीय कार्रवाई आरंभ नहीं होने का जिक्र संचिका में किया है. जिसके बाद पीओ के रिपोर्ट को जिला स्तर सुधार करते हुए सभी दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का भी आदेश जारी किया गया है.

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