चेन्नई : जलीकट्टू विवाद बढता ही जा रहा है. व्यापारिक प्रतिष्ठानों, सिनेमाघरों, विद्यालयों एवं ट्रांसपोर्टरों ने जलीकट्टू के लिए तत्काल अनुमति देने की मांग के समर्थन में गुरुवार को एक दिन की हड़ताल की घोषणा कर दी. इसके अलावा शतरंज के बादशाह ग्रेंड मास्टर विश्वनाथन आनंद, संगीतकार एआर रहमान जैसी अधिकाधिक जानी-मानी हस्तियां भी समर्थन में उतर आयी हैं. रहमान शुक्रवार को दिनभर के उपवास पर बैठेंगे.
भाकपा, माकपा, वीसीके आदि दलों ने जलीकट्टू का समर्थन किया है. विपक्ष के नेता एमके स्टॉलिन ने सरकार से तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. वहीं, दक्षिणपंथी संगठन विश्व हिंदू परिषद भी जलीकट्टू के समर्थन में आ गया. संगठन के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने नयी दिल्ली में कहा कि न्यायपालिका को हिंदुओं की प्राचीन आस्थाओं में हस्तक्षेप नहीं करन चाहिए. जलीकट्टू तमिलनाडु का चार सौ से भी पुराना पारंपरिक और सांस्कृतिक खेल है, जो फसलों की कटाई के अवसर पर पोंगल के समय आयोजित किया जाता है. इसमें सांडों की सींगों में सिक्के या नोट फंसा कर रखे जाते हैं और फिर सांडों को भड़का कर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग सींगों से पकड़ कर उन्हें काबू में कर सके. इस खेल में विजेताओं को नकद इनाम देने की परंपरा है.
आस्था से जुड़ा है खेल
लोगों का मानना है कि इस खेल के माध्यम से बैल की पूजा की जाती है. इससे घर और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. घर में नयी फसल आने के उपलक्ष्य में यह पूजा की जाती है.
मई, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था बैन
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2010-14 के बीच जलीकट्टू खेलते हुए 17 लोगों की जान गयी थी और 1100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. वहीं, पिछले 20 वर्षों में जलीकट्टू की वजह से मरनेवालों की संख्या 200 से भी ज्यादा थी. इस वजह से मई, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ क्रूअलटी टू एनिमल एक्ट के तहत इस खेल को बैन कर दिया था. जलीकट्टू का विरोध पेटा कर रही है. वर्ष 2015 में केंद्र ने अधिसूचना जारी की, जो कोर्ट में लंबित है.
I'm fasting tomorrow to support the spirit of
Tamilnadu!— A.R.Rahman (@arrahman) January 19, 2017