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राजधानी में सीवरेज नेटवर्क का काम मार्च में होगा आरंभ

पटना : राज्य कैबिनेट से पास होनेे के बाद मार्च में शहर के सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू हो जायेगा. सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी की योजना नगर विकास व आवास विभाग की एजेंसी शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की माध्यम से किया जायेगा. बुडको ने इन सीवरेज एसटीपी और नेटवर्क के लिए पहले से […]

पटना : राज्य कैबिनेट से पास होनेे के बाद मार्च में शहर के सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू हो जायेगा. सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी की योजना नगर विकास व आवास विभाग की एजेंसी शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की माध्यम से किया जायेगा. बुडको ने इन सीवरेज एसटीपी और नेटवर्क के लिए पहले से ही टेंडर के माध्यम से कंपनी का चयन कर लिया है. नेटवर्क का काम विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से पूरा किया जाना है. प्रोजेक्ट में केंद्र व राज्य सरकार को 70-30 के हिसाब से राशि खर्च करनी थी.
लेकिन, पांच वर्ष बीतने के बाद प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गयी है. इसलिए अब इसमें राज्य सरकार की अंश लागत बढ़ने के कारण इसे कैबिनेट से मंजूरी लेनी पड़ी.
स्मार्ट सिटी में जरूरी है सीवरेज की उपलब्धता : शहर में पांच जगहों पर सीवरेज एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) व सीवरेज नेटवर्क बनाने की योजना है. बुडको ने इस प्रोजेक्ट का डीपीअार केंद्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर वर्ष 2011 में तैयार किया था. लेकिन, वित्तीय स्वीकृति व विश्व बैंक की सहमति के कारण मामला रुका हुआ था. वहीं, दूसरी तरफ किसी-किसी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सीवरेज की उपलब्धता एक बुनियादी जरूरत है.
एेसे में जब शहर में सीवरेज बनने का काम शुरू हो जाता है, तो पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की राह और आसान हो जायेगी.
कैबिनेट से पास होने के बाद अब शहर में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी का काम शुरू किया जायेगा. फरवरी तक इस का उद्घाटन होगा. फिर, बुडको इस काम को पूरा करेगी.
अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एमडी, बुडको
आजादी के पहले का है सीवरेज
पहले तो पूरे शहर में सीवरेज नेटवर्क नहीं है. अधिकांश क्षेत्रों में लोग व्यक्तिगत उपयोग से टंकी के माध्यम से ही सीवरेज को खपाने का काम करते हैं. हालांकि, यह आदर्श स्थिति नहीं है. बड़े आपार्टमेंटों व घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सरकारी स्तर पर सीवरेज नेटवर्क और गंदा पानी में गिराने के लिए सीवरेज एसटीपी की जरूरत होती है. जानकारी के अनुसार अभी शहर के बेली रोड, बेऊर क्षेत्र व अन्य कुछ इलाकों में सीवरेज नेटवर्क है, जो आजादी के पहले का है.
1500 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
बुडको के प्रोजेक्ट को लगभग 1500 करोड़ रुपये में पूरा करना है. काम को दो से पांच सालों में पूरा किया जाना है. अभी बुडको को कैबिनेट के फैसले की अधिसूचना का इंतजार है.
बुडको के अधिकारी बताते हैं कि अधिसूचना आने के बाद मामला बुडको बोर्ड में जायेगा. इसके बाद कंपनी को लेटर ऑफ एक्सेपटेंस दिया जायेगा. फिर योजना का उद्घाटन और वर्क ऑर्डर के साथ आवंटित कंपनी काम को पूरा करेगी. जानकारी के अनुसार एलएनटी जैसी बड़ी कंपनियां इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगेगी.

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