नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने प्लास्टिक नोट छापने के लिए ब्रिटेन की विवादित कंपनी के साथ गंठजोड़ के कांग्रेस के आरोप से इनकार किया है. मंत्रालय ने कहा कि पिछले तीन साल में कंपनी को कोई भी ताजा ऑर्डर नहीं दिया गया है. सरकार पर राष्ट्रीय हित के साथ समझौता करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा था कि नोट छापने वाली ब्रिटेन की विवादित कंपनी डे ला रू को प्लास्टिक नोट की छपाई के लिए छांटा गया है, जबकि उसे काली सूची में डाला गया था.
इस संबंध में रिपोर्ट को खारिज करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटने की कंपनी 2020 तक बैंक नोट की आपूर्ति करती रही. 2013 में किये गये फैसले के अनुसार, कंपनी को दिसंबर, 2015 तक बैंक नोट के लिए सुरक्षा विशेषता की आपूर्ति की मंजूरी दी गयी. मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने पिछले तीन साल में कंपनी को कोई भी नया ऑर्डर नहीं दिया. सरकार ने कंपनी की सुरक्षा मंजूरी को स्वीकृति नहीं दी है. इसीलिए 2014 के बाद कंपनी को कोई भी नया ऑर्डर नहीं दिया गया. मंत्रालय ने यह भी कहा कि कंपनी ने भारत में कारखाना लगाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.
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