रांची : बुंडू थाना क्षेत्र निवासी नाबालिग रूपेश स्वांसी की मौत के मामले में सीआइडी को दो दारोगा व एक सिपाही के खिलाफ दोबारा वारंट हासिल करना होगा. जांच के दौरान सीआइडी ने राहे थाना के तत्कालीन प्रभारी अशोक प्रसाद, दशम फॉल थाना के तत्कालीन प्रभारी पंकज कुमार तिवारी और सिपाही रितेश कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल किया था.
गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति में सीआइडी ने तीनों के घरों पर इश्तेहार चिपकाया था. अब कुर्की जब्ती की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी. लेकिन इसी दौरान ऊपरी अदालत से एक आदेश जारी हुआ, जिसमें डीएसपी के खिलाफ जारी वारंट को रद्द कर दिया गया. इसके बाद उसी आदेश से जारी दोनों दारोगा और सिपाही के खिलाफ जारी वारंट भी रद्द हो गया. इस कारण अब सीआइडी को दोबारा वारंट लेने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
उल्लेखनीय है कि सात जुलाई 2016 को पुलिस ने रूपेश स्वांसी को पकड़ा था. वह बुंडू के एक कपड़ा दुकान में काम करता था. पुलिस हिरासत में हुई पिटाई के कारण आठ जुलाई, 2016 को रूपेश की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी थी. इसके बाद सरकार ने दशम फॉल व राहे थाना के तत्कालीन प्रभारी को निलंबित कर दिया था. पिछले हफ्ते सरकार ने डीएसपी पवन कुमार को भी निलंबित कर दिया है. सरकार ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआइडी को सौंपी थी. रूपेश स्वांसी के परिजनों के बयान पर बुंडू थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआइडी जांच कर रहा है. प्राथमिकी में दोनों दारोगा और सिपाही को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. डीएसपी के खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगी हुई है.