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पत्नी ने प्रेमी संग रची थी हत्या की साजिश

अजय मंडल हत्याकांड. बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान मृतक की पत्नी से शिशिर को हो गया था प्रेम अनुसंधान में स्पष्ट हुआ कि पत्नी द्वारा ही प्रेमी संग पति की हत्या की साजिश रची गयी थी. हत्यारोपी शिशिर व निशा का प्रेम-प्रसंग चल रहा था. पुलिस ने रामबाग स्थित घटनास्थल के निकट रेलवे ट्रैक […]

अजय मंडल हत्याकांड. बच्चे को ट्यूशन पढ़ाने के दौरान मृतक की पत्नी से शिशिर को हो गया था प्रेम

अनुसंधान में स्पष्ट हुआ कि पत्नी द्वारा ही प्रेमी संग पति की हत्या की साजिश रची गयी थी. हत्यारोपी शिशिर व निशा का प्रेम-प्रसंग चल रहा था. पुलिस ने रामबाग स्थित घटनास्थल के निकट रेलवे ट्रैक से हत्या में प्रयुक्त चाकू व कुदाल सहित मृतक का एक जूता भी बरामद किया. हत्यारोपी शिशिर 12वीं कक्षा का छात्र बताया जा रहा है.
पूर्णिया : डेन गैस कर्मी अजय मंडल हत्याकांड का पुलिस ने सफल उद्भेदन कर मृतक की पत्नी निशा कुमारी व उसके प्रेमी सिटी स्थित चांदनी चौक निवासी शिशिर कुमार तथा उसके सहयोगी चांदनी चौक निवासी गुड्डू उर्फ कार्तिक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. मामले का उद्भेदन वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये हुआ. अनुसंधान में स्पष्ट हुआ कि पत्नी द्वारा ही प्रेमी संग पति की हत्या की साजिश रची गयी थी. हत्यारोपी शिशिर एवं निशा का प्रेम-प्रसंग चल रहा था.
पुलिस ने रामबाग स्थित घटनास्थल के निकट रेलवे ट्रैक से हत्या में प्रयुक्त चाकू व कुदाल सहित मृतक का एक जूता भी बरामद किया. हत्यारोपी शिशिर 12वीं कक्षा का छात्र बताया जा रहा है. जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ राजकुमार साह ने सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि 31 दिसंबर की देर संध्या 08:30 बजे शिशिर एवं उसका सहयोगी गुड्डू खीरू चौक स्थित इंडेन गैस एजेंसी पहुंच कर अजय मंडल को नये वर्ष का जश्न मनाने सिलीगुड़ी ले जाने के बहाने अपनी पल्सर बाइक पर बिठा लिया. जहां अजय मंडल का शव बरामद हुआ, वहीं बाइक खड़ी कर पेशाब के बहाने शिशिर रूका.
अजय मंडल भी पेशाब करने लगा. इतने में पीछे से शिशिर ने उसके गरदन पर चाकू चला दिया. अपने को बचाने के लिए अजय ने प्रतिरोध भी किया. उसने शिशिर के हाथ पर चाकू के वार से बचने के लिए दांत काट लिया, लेकिन गुड्डू के सहयोग से अजय के शरीर पर चाकू से लगातार वार कर उसे मार डाला. बताया कि शिशिर ने पूर्व से ही घटनास्थल पर कुदाल लाकर रख दिया था. जहां गुड्डू के शव को दफना दिया. इसके बाद खून के छींटे लगे अपने कपड़े को बायसी थाना क्षेत्र के डंगराहा पुल के नीचे नदी में फेंक दिया.
2019 में शादी की बनायी थी योजना
एसडीपीओ ने बताया कि अजय की हत्या के बाद निशा एवं शिशिर ने 2019 में शादी करने की योजना बनायी थी. निशा ने शिशिर से कहा था कि हत्या का केस समाप्त होने के बाद दोनों विवाह कर लेंगे. इस दौरान दोनों के मोबाइल पर बातचीत जारी रही. बताया गया कि निशा ने मृतक अजय से पूर्व भागलपुर में शादी की थी. लेकिन ससुराल में आजादी नहीं मिलने के कारण वह पूर्णिया सिटी अपने मायका आकर रहने लगी. इसी दौरान अजय उसके घर से किराये पर ऑटो लेकर चलाने लगा. निशा से करीबी बढ़ने लगी और दोनों ने शादी कर ली. शादी के बाद दो बच्चे हुए, जिनमें बड़ी लड़की 08 वर्ष एवं छोटा लड़का 04 वर्ष का है.
एसडीपीओ ने बताया कि शिशिर द्वारा मृतक का मोबाइल अपने ही घर के दीवार के दरार के अंदर गिरा कर छुपा दिया. वैज्ञानिक अनुसंधान के द्वारा मृतक का मोबाइल बरामद कर लिया गया. तकनीकी शाखा के सहयोग से बरामद मोबाइल के कॉल डिटेल के आधार पर शिशिर एवं गुड्डू को गिरफ्तार किया गया. दोनों की निशानदेही पर रेलवे ट्रैक के निकट हत्या में प्रयुक्त चाकू एवं कुदाल बरामद किया गया. बताया गया कि हत्यारों ने चाकू को मृतक के बरामद एक जूते के अंदर रख दिया था.
शिशिर व निशा के बीच चल रहा था प्यार
हत्यारोपी शिशिर ने बताया कि वह पिछले पांच माह से मृतक के दो बच्चों को घर आकर ट्यूशन पढ़ाता था. इसी दौरान निशा से उसकी नजदीकियां बढ़ी, जो प्रेम-प्रसंग में तब्दील हो गया. निशा ने भी अपने प्रेम-प्रसंग की बात को कबूल करते हुए बताया कि उसका पति हमेशा उसके साथ दुर्व्यवहार किया करता था. गाहे-बगाहे वह मारपीट भी किया करता था. इसी से खिन्न होकर उसकी शिशिर से नजदीकियां बढ़ी. निशा ने माना कि हत्या की साजिश उसने शिशिर के साथ ही रची थी. गौरतलब है कि अजय और निशा के बीच प्रेम विवाह हुआ था.
पत्नी सहित प्रेमी व सहयोगी गिरफ्तार
हत्या में प्रयुक्त चाकू, बाइक व कुदाल बरामद
31 दिसंबर की रात से गायब था मृतक, 05 जनवरी को शव बरामद
मृतक के बरामद मोबाइल से हुआ कांड का उद्भेदन
शव की पहचान से पत्नी ने किया था इनकार
एसडीपीओ श्री साह ने बताया कि 31 दिसंबर की रात से गायब अजय का शव रामबाग के एमआइटी के निकट 05 जनवरी को गड्ढे से बरामद किया गया था. शव की पहचान करने के दौरान पत्नी निशा ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह शव उसके पति का नहीं है. जबकि मृतक के चाचा मिथिलेश मंडल एवं सास ने शव के पहचान के बाद निशा को पुन: घटनास्थल पर बुलाया गया, तब निशा ने अजय के शव को पहचाना. उसके ना और हां के कारण पुलिस को पूर्व में ही शक हो गया था कि कहीं न कहीं हत्या का तार पत्नी से जुड़ा हुआ है. इसी शक के आधार पर निशा के मोबाइल नंबर का सीडीआर खंगाला गया और शिशिर से उसके लगातार बातचीत से उद्भेदन का रास्ता साफ हो गया.

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