मारपीट के बाद वह बेहाेश हाे गये थे. हाेश आने पर देखा कि न उनकी पत्नी थी आैर न ही गाड़ी. सूचना देने पर चचेरा भाई अमरेश कुमार अाया. उसने प्राथमिकी में कहा है कि उसकी पत्नी की हत्या करने की नियत से माेटरसाइकिल के साथ उसे गायब कर दिया गया. बाद में पत्नी की लाश बरामद की गयी थी. इस मामले में अदालत ने पांच में से चार मुदालय गीता देवी, शिवशंकर प्रसाद, फुलमती देवी व सुमन कुमारी काे बरी कर दिया. रघुरंजन कुमार काे दाेषी साबित करते हुए उसे जेल भेज दिया गया. इस मामले में कुल 20 गवाह पेश हुए. सजा के विंदु पर सुनवाई 19 जनवरी काे हाेगी.
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एफआइआर करानेवाला ही निकल गया हत्यारा
गया : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश-छह धर्मेंद्र कुमार जायसवाल की अदालत में काेठी थाना कांड संख्या 12/11 के सूचक रघुरंजन कुमार काे हत्या के मामले में दाेषी करार दिया गया. इस कांड के सूचक काेठी थाना के बसुरा गांव के रहनेवाले रघुरंजन कुमार ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि 18 मार्च 2011 काे […]
गया : अपर जिला व सत्र न्यायाधीश-छह धर्मेंद्र कुमार जायसवाल की अदालत में काेठी थाना कांड संख्या 12/11 के सूचक रघुरंजन कुमार काे हत्या के मामले में दाेषी करार दिया गया.
इस कांड के सूचक काेठी थाना के बसुरा गांव के रहनेवाले रघुरंजन कुमार ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि 18 मार्च 2011 काे अपनी माेटरसाइकिल पैशन प्राे (बीआर-2जे-7836) से अपनी बीमार पत्नी कंचन कुमारी काे इलाज कराने के लिए अपने घर से शाम चार बजे डॉ लखन प्रसाद के यहां रानीगंज आये थे. लाैटते समय जब बसुरा गांव पहुंचा, ताे वहां कुछ लाेग मुंह पर गमछा लपेटे खड़े थे. उन्हाेंने गाड़ी रुकवा कर मुझे व पत्नी के साथ मारपीट की़ पॉकेट में रखे आठ हजार रुपये भी निकाल लिये.
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