द्विपक्षीय व्यापार में बेलारुस का पलड़ा भारी है यानी बेलारुस भारत से आयात की अपेक्षा भारत को निर्यात अधिक करता है. भारत को निर्यात करनेवाली सामग्रियों में पोटाश आधारित फर्टीलाइजर, पेट्रो केमिकल्स, मशीनरी आदि हैं जबकि वह भारत से खाद्य सामग्री, चाय, टेक्सटाइल आदि आयात करता है. उन्होंने बताया कि बेलारुस में फिलहाल तीन भारतीय फर्मा कंपनियां अपनी फैक्ट्रियां बना रही हैं. जल्द ही वहां उत्पादन भी शुरू होगा. भारत में खासकर बंगाल में खनन उद्योग में भी बेलारुस की कंपनियों की दिलचस्पी है. महानगर में वह बेलारुस के पर्यावरण हितैषी वाहन का बाजार बनाने को इच्छुक हैं. शिक्षा क्षेत्र में कलकत्ता विश्वविद्यालय के साथ बेलारुस विश्वविद्यालय का करार हुआ है. जिसके तहत शिक्षकों व विद्यार्थियों का एक्सचेंज प्रोग्राम भी होगा. बेलारुस में सालाना करीब 500 विद्यार्थी उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए जाते हैं. इनमें ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं. दोनों देश संयुक्त शोध पर भी जोर दे रहे हैं.
जल्द ही भारत से एक व्यापारिक प्रतिनिधि दल बेलारुस जानेवाला है. वे शनिवार को राजदूत राज्यपाल से भी मुलाकात करेंगे. इसके अलावा वह राज्य के वित्त मंत्री से भी मुलाकात कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हैं.
दक्षिण एशिया में भारत, बेलारुस का प्रमुख साथी है. उल्लेखनीय है कि भारत और बेलारुस के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो गये हैं. इस अवसर पर आइसीसीआर और हेरीटेज बंगाल के साथ मिलकर बेलारुस स्टेट डांस कंपनी की ओर से शुक्रवार को रवींद्र सदन में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम, बेलारुस डेज ऑफ कल्चर की प्रस्तुति की गयी. इसका उदघाटन विटाली प्रीमा ने किया. इसके बाद नयी दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जायेगी. विशेष बातचीत के अवसर पर बेलारुस दूतावास के फर्स्ट सेक्रेटरी इगोर पिलिपेंको तथा बेलारुस के ऑनररी कौंसुल सीताराम शर्मा भी मौजूद थे.