शेखपुरा: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 21 जनवरी को होने वाले मानव श्रृंखला के पूर्व सरकार शराबबंदी के तालिबानी और तुगलकी कानून में संशोधन पर विचार करें. लखीसराय जाने के क्रम में शेखपुरा के बाईपास तीन मुहानी चौक पर सुशील मोदी ने यह भी कहा कि राज्य के अंदर शराब बंदी और सात निश्चय की योजनाएं पूरी तरह फेल है.
प्रतिदिन हजारों लीटर शराब दूसरे राज्यों से बिहार ला कर बेचा जा रहा है. एक तरफ राज्य की सरकार शराबबंदी की बात करती है. वहीं दूसरी ओर बिहार के अंदर दूसरे राज्यों को शराब आपूर्ति के लिए फैक्ट्री चलवा रही है. इतना ही नहीं इन फैक्ट्रियों को सरकार ने टैक्स में भी छूट दे रखा है. शराबबंदी के कानून को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या लूट और बलात्कार जैसी बड़ी घटनाओं में भी इतने सख्त कानून नहीं है. जितने की शराबबंदी को लेकर बनाया गया है.
भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश के अंदर सर्वदलीय बैठक के दौरान भी पार्टी ने प्रमुखता से शराबबंदी कानून के तहत सामूहिक जुर्माना से लेकर परिवार के सभी सदस्यों को जेल भेजने के कानून पर विचार करने की मांग किया. लेकिन सरकार ने इस मांग पर विचार नहीं किया. उन्होंने 21 जनवरी को आयोजित होने वाले मानव श्रृंखला के पूर्व भी इन मांगों पर पुनर्विचार करने की मांग किया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के अंदर सात निश्चय योजना भी पूरी तरह फेल है सरकार ने इस योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता का जो दावा किया है वह एक मजाक है. राज्य के सभी बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता का लाभ मिलनी चाहिए.