नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद सुस्ती की आशंकाओं को झुठलाते हुए नवंबर में औद्योगिक उत्पाद (आईआईपी) की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही. इससे पिछले साल समान महीने में औद्योगिक उत्पादन 3.4 प्रतिशत घटा था. नवंबर में विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन तथा पूंजीगत सामान का उठाव बढने से औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत रही. गत आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद आशंका जताई जा रही थी कि नकदी संकट से सभी क्षेत्र प्रभावित होंगे. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर, 2016 के लिए आईआईपी के आंकड़ों को मामूली रूप से उपर की ओर संशोधित कर शून्य से नीचे 1.8 प्रतिशत कर दिया गया है.
पहले इसके शून्य से 1.9 प्रतिशत नीचे रहने का अनुमान लगाया गया था. आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.8 प्रतिशत रही थी. औद्योगिक उत्पादन में 75 प्रतिशत का भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर नवंबर में 5.5 प्रतिशत रही. एक साल पहले समान महीने में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 4.6 प्रतिशत घटा था. हालांकि, अप्रैल-नवंबर की अवधि में इस क्षेत्र का उत्पादन 0.3 प्रतिशत घट गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.9 प्रतिशत बढा था.
इसी तरह नवंबर, 2016 में बिजली उत्पादन 8.9 प्रतिशत बढा, जो एक साल पहले समान महीने मंे 0.7 प्रतिशत बढा था। खनन क्षेत्र का उत्पादन नवंबर में 3.9 प्रतिशत बढ़ा. एक साल पहले इसी महीने यह 1.7 प्रतिशत बढा था. पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन इस बार नवंबर में 15 प्रतिशत बढा, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 24.4 प्रतिशत घटा था. इस्तेमाल आधारित वर्गीकरण के हिसाब से नवंबर में मूल वस्तुओं का उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढा, जबकि मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में 2.7 प्रतिशत की बढोतरी हुई. टिकाउ उपभोक्ता सामान तथा गैर टिकाउ उपभोक्ता सामान क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 9.8 प्रतिशत तथा 2.9 प्रतिशत रही. उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में कुल वृद्धि 5.6 प्रतिशत की रही. उद्योगों की बात की जाए तो विनिर्माण क्षेत्र के 22 उद्योग समूहों में से 16 में नवंबर, 2016 के दौरान वृद्धि दर्ज हुई.