वर्षों से कई पद खाली
प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है अस्पताल
गारू (लातेहार) : जिला का एक मात्र रेफरल अस्पताल की स्थिति प्रशासनिक उपेक्षा के कारण दयनीय है. रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. रेफरल अस्पताल गारू मुख्यालय मे स्थित है. अस्पताल महुआडाड़ एवं बरवाडीह प्रखंड के बीचो बीच गारू में बनाया गया था, ताकि गारू के अलावा इन दोनों प्रखंडों के डेढ़ लाख चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सके. मगर प्रशासनिक उपेक्षा के कारण लोगों को समुचित चिकित्सा की सुविधा मयस्सर नहीं हो पा रही है.
अस्पताल के स्थापना वर्ष 1985-86 में तत्कालीन विधायक यमुना सिंह के प्रयास से हुआ था. अस्पताल के स्थापना काल से ही सृजित कई महत्वपूर्ण पद उस समय भी खाली थे जो आज भी उसकी स्थिति वैसी ही है. अस्पताल में एक महिला चिकित्सक समेत कुल सात चिकित्सकों के पद स्वीकृत है. लेकिन फिलवक्त तीन चिकित्सक ही अस्पताल में पदस्थापित हैं. इनमें डॉ संतोष कुमार डेढ़ वर्षों से लातेहार सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर हैं.
रेफरल अस्पताल के संचालन की जिम्मेवारी डॉ महेश प्रसाद एवं डॉ भरत भूषण भगत है.एक अन्य प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेश कुमार का एक सप्ताह पूर्व रांची स्थानांतरण कर दिया गया. रिक्त पद पर कोई अन्य चिकित्सक पदस्थापित नहीं किया
गया है. अस्पताल मे कई वर्षों से महिला चिकित्सक का पदस्थापन नहीं किया गया.
अस्पताल में कई पद खाली
फिलवक्त अस्पताल में नौ अनुबंध के नर्स, आठ पर्मानेंट नर्स, दो क्लर्क दो, चार महिला कक्ष सेवक, तीन पुरुष कक्ष सेवक, एक रात्रि प्रहरी, माली एक, बीडीएम एक (अनुबंध), एवं एनजीओ के माध्यम से आठ कर्मी कार्यरत हैं.
अस्पताल में फिलवक्त लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे ऑपरेटर, ड्रेसर, मलेरिया निरीक्षक, बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, रसोइया,भंडार पाल, मिश्रक, शल्य कक्ष सहायक, समेत कई पद खाली है. रेफरल अस्पताल के अंतर्गत सात स्वास्थ्य केंद्र है. इनमे गारू प्रखंड में छह एवं बरवाडीह प्रखंड के एक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है. गारू प्रखंड अंतर्गत बारेसाढ़, मायापुर, गोइंदी, कबरी, बंदुआ एवं सरयू स्वास्थ्य केंद्र है. इसके अलावा बरवाडीह प्रखंड का लात स्वास्थ्य केंद्र का संचालन यहीं से होता है.
रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण सुदूरवर्ती स्वास्थ्य केंद्र एकमात्र नर्स के भरोसे चलता है. उक्त स्वास्थ्य केंद्रों में महीने में भी कोई डॉक्टर के दर्शन ग्रामीणों को नहीं हो पाता है. गारू प्रखंड अंतर्गत एक आयुर्वेद स्वास्थ्य केद्र भी संचालित होता है मगर ग्रामीणों के अनुसार विगत आठ वर्षों से इस केंद्र में डॉक्टर और अनुसेवक नहीं आ रहे हैं.