ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम (नोटबंदी) और इसके कारण होनेवाली पीड़ा को लेकर विरोध किया था. जो कुछ भी हो रहा है, उसके समय को देखते हुए यह राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर किया जा रहा है. इस तरह से राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर काम करने की स्थिति देश में पहले कभी नहीं देखी गयी. 50 दिनों में लोगों की परेशानियां कम होने की मोदी की घोषणा पर प्रहार करते हुए ओ ब्रायन ने कहा कि इसकी बजाये स्थिति और खराब हुई है और 25 करोड़ दैनिक मजदूर प्रभावित हो रहे हैं. डेरेक ओ ब्रायन ने दावा किया कि लघु व सूक्ष्म उद्योगों के क्षेत्र में रोजगार में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है और इसके कारण मछुआरे, किसान, घरेलू महिलाएं, छात्र, खुदरा कारोबारी सबसे अधिक प्रभवित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद से 120 मौतें हुई हैं और इसके लिए हम प्रधानमंत्री को जिम्मेदारर ठहराते हैं. सुदीप बंद्योपाध्याय और तापस पाल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए ओ ब्रायन ने कहा कि मोदी सरकार, ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं को निशाना बना रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के इस गंदे तरीके से तृणमूल कांग्रेस बिल्कुल भयभीत नहीं हैं और इससे राजनीतिक तौर पर निपटेगी.
सीबीआइ पर सुदीप बंद्योपाध्याय को साजिश के तहत गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के एक अन्य सांसद सौगत राय ने केंद्र के खिलाफ ममता के उन आरोपों को दोहराया कि जांच एजेंसी को केंद्र ने कान्सपिरेसी ब्यूरो आफ इंडिया के रूप में बदल दिया है. तृणमूल नेताओं को साजिश के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठायी. राष्ट्रपति से मुलाकात करनेवाले तृणमूल कांग्रेस के 30 सदस्यीय शिष्टमंडल में अन्य लोगों के अलावा सांसद सुखेंदु शेखर राय, डोला सेन, मुकुल राय, दिनेश त्रिवेदी, अर्पिता घोष, काकोली घोष दस्तीदार, शिशिर अधिकारी आदि शामिल हैं. तृणमूल कांग्रेस के ज्ञापन में मोदी सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह अपनी अक्षमता और नाकामियों को छिपाने के लिए दुर्भावना से प्रेरित राजनीति कर रही है.