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डीजीएमएस बताये, कब पूरी होगी जांच

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को गोड्डा में इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया खदान हादसे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डायरेक्टर जनरल अॉफ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस) को जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को गोड्डा में इसीएल की राजमहल कोल परियोजना के ललमटिया खदान हादसे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डायरेक्टर जनरल अॉफ माइंस सेफ्टी (डीजीएमएस) को जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने डीजीएमएस से पूछा कि हादसे की जांच कब तक पूरी होगी. खंडपीठ ने यह भी पूछा कि कर्मियों की उपस्थिति पंजी को जब्त किया गया है अथवा नहीं. मामले की अगली विस्तृत सुनवाई 12 जनवरी को होगी.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता लुकेश कुमार ने खंडपीठ को बताया कि ललमटिया खदान हादसे में रेस्क्यू अॉपरेशन बंद कर दिया गया हैै. वहीं इसीएल के अधिवक्ता ने कहा कि रेस्क्यू अॉपरेशन अब भी चल रहा है.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मो सरफराज ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 30 दिसंबर 2016 को खदान दुर्घटना हुई थी, जिसमें काफी संख्या में मजदूर दब गये थे. इसमें दर्जनों मजदूरों की माैत हो गयी थी. दुर्घटना की आंशका होने के बावजूद मजदूरों को काम पर जबरन भेजा गया था. दुर्घटना में इसीएल प्रबंधन द्वारा मजदूरों की माैत का जो आंकड़ा बताया जा रहा है, वह कम है. सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर खदान से कोयला निकाला जा रहा था. इसमें इसीएल व खनन कार्य कर रही महालक्ष्मी कंपनी (आउटसोर्सिंग) की मिलीभगत है. साथ ही पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराने का भी आग्रह किया.

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