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पांच कंपनियों की खदानों को लीज देने की अवधि समाप्त

रांची : आर्सेलर मित्तल समेत राज्य की पांच बड़ी कंपनियों की लौह अयस्क खदानों का लीज आवंटन करने की अवधि 11 जनवरी को समाप्त हो गयी है. राज्य सरकार ने 11 जनवरी तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने का इंतजार किया. पर उक्त अवधि तक क्लीयरेंस नहीं मिल सका. इधर, आर्सेलर मित्तल […]

रांची : आर्सेलर मित्तल समेत राज्य की पांच बड़ी कंपनियों की लौह अयस्क खदानों का लीज आवंटन करने की अवधि 11 जनवरी को समाप्त हो गयी है. राज्य सरकार ने 11 जनवरी तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने का इंतजार किया. पर उक्त अवधि तक क्लीयरेंस नहीं मिल सका. इधर, आर्सेलर मित्तल के संदर्भ में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फॉरेस्ट एडवाइजरी कमेटी ने प. सिंहभूम के सारंडा में लौह अयस्क खदान होने का हवाला देते हुए स्वीकृति नहीं दी है.
इससे संबंधित मिनट्स राज्य सरकार को भेज दिया गया है. आर्सेलर मित्तल ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट द्वारा केंद्र व राज्य सरकार को 11 जनवरी के पूर्व निर्णय लेने का निर्देश दिया गया था. जिस पर केंद्र सरकार द्वारा फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं दिया गया.
क्या है मामला : एमएमडीआर संशोधन अधिनियम 2015 के तहत पूर्व से आवंटित खदानों का लीज वर्ष 11 जनवरी 2017 तक करने का प्रावधान किया गया है. उक्त अवधि तक लीज नहीं होने पर खदानों का आवंटन स्वत: रद्द हो जायेगा. इसी सिलसिले में झारखंड की पांच कंपनियों आर्सेलर मित्तल, इलेक्ट्रो स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, जेएसपीएल, रुंगटा माइंस की खदानों के लीज की प्रक्रिया शुरू हुई थी. लीज के पूर्व फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलना था. इसके बाद ही लीज की जा सकती थी. फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए यह शर्त्त रखी गयी थी कि जब तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक सशर्त अनुमति दी जायेगी. यानी कंपनी लीज के बावजूद खुदाई नहीं कर सकती थी. पर इस मामले में भी वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनुमति नहीं दी गयी. नियम के अनुसार 11 जनवरी की अवधि समाप्त हो गयी है. इधर आर्सेलर मित्तल, जेएसपीएल, इलेक्ट्रो स्टील, भूषण पावर एंड स्टील ने कोर्ट में याचिका दायर की है. आर्सेलर मित्तल को छोड़ अन्य कंपनियों ने 11 जनवरी की अवधि सीमा को समाप्त करने की अपील की है, जिस पर अभी सुनवाई होनी है.
आर्सेलर मित्तल के फॉरेस्ट क्लीयरेंस का प्रस्ताव खारिज
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने आर्सेलर मित्तल को प सिंहभूम की वन भूमि लौह अयस्क खदान देने की अनुशंसा को खारिज कर दिया है. इस बाबत सूचना 11 जनवरी को राज्य सरकार को भेज दी गयी है. इसके साथ ही आर्सेलर मित्तल की सारंडा वन स्थित करमपदा लौह अयस्क खदान के लीज देने की अवधि समाप्त हो गयी है. 11 जनवरी तक लीज होना था. इसके पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्टेज टू क्लीयरेंस लिया जाना था, जिसकी अनुशंसा मंत्रालय नहीं की. नौ जनवरी को आर्सेलर मित्तल की याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामले में 11 जनवरी के पूर्व फैसला लेने का निर्देश दिया था.

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