पटियाला : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज से पांच दिन के पंजाब दौरे पर हैं. इस दौरे के पहले दिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं, पंजाब का ही रहने वाला कोई मुख्यमंत्री होगा, लेकिन जाे वादे उनकी पार्टी करेगी, उसको पूरा करने की जिम्मेवारी उनकी होगी. केजरीवाल का यह बयान मनीष सिसोदिया की तरफ से कल दिए गए उस बयान से उलट हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब के अगल सीएम अरविंद केजरीवाल होंगे यह सोच कर वोटर उनकी पार्टी को वोट दें. इस एलान के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था. केजरीवाल का यह बयान इसलिए भी अहम है, ताकि विरोधी उन पर दिल्ली से पंजाब की आम आदमी पार्टी इकाई को चलाने का आरोप नहीं लगाये, जैसा आरोप उन्होंने स्वयं दो दिन पूर्व दिल्ली से कांग्रेस द्वारा पंजाब का घोषणा पत्र जारी किये जाने के बाद लगाया था.
अरविंद केजरीवाल ने आज पटियाला जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सारे कयासों पर विराम लगा दिया है. केजरीवाल ने जनसभा में कहा कि मैं दिल्ली के लिए प्रतिबद्ध हूं लेकिन पंजाब के वादों की गारंटी मेरी है. उन्होंने कहा कि मैं पंजाब का सीएम नहीं बन सकता हूं. यहां का सीएम पंजाब से ही होगा.
आपको बता दें कि पंजाब चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं घोषित किया है. अगर आम आदमी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब हो जाती है, तो फिर मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल के जवाब को लेकर अब तक कयास ही लग रहे हैं. मंगलवार को इसे लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने बड़ा बयान देकर हवा का रुख अपनी ओर मोड़ने की कोशिश की थी. उन्होंने मोहाली में अपनी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पंजाब की जनता को यह मान कर वोट देना चाहिए कि यहां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही होंगे. सिसोदिया के इस बयान के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया और पार्टी विरोधी दलों के निशाने पर आ गयी.
सिसोदिया के बयान के बाद कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी बाहरी है. केजरीवाल की राज्य में गैर पंजाबी मुख्यमंत्री थोपने की साजिश है. वह पंजाब के हितों की अनदेखी करेंगे. वहीं सत्तर रूढ अकाली दल ने कहा कि हम पहले ही कहते रहे हैं कि केजरीवाल सीएम बनना चाहते हैं. वह हरियाणा के रहनेवाले हैं, सतलज नहर विवाद में वह पंजाब के हितों से समझौता कर सकते हैं.
गौर हो कि पंजाब आम आदमी पार्टी के तमाम बड़े नेता यह बात साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री पंजाब से ही होगा. हालांकि वहां के नेताआें में इस शीर्ष पद को लेकर आपसी होड़ है और कोई सर्वमान्य नेता नहीं है. पंजाबी होगा, और मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान विधानसभा चुनावों के बाद विधायकों की रजामंदी से किया जायेगा. सिसोदया के बयान के बाद पंजाब से आने वाले आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा था कि पंजाब का मुख्यमंत्री कोई पंजाबी ही होगा. देश की राजधानी दिल्ली से यहां आकर कोई मुख्यमंत्री नहीं बनने वाला.