वाशिंगटन : उत्तरी अफ्रीका में अल-कायदा के सहयोगी एक गुट ने स्विटजरलैंड की मिशनरी के जिंदा होने के सबूत दिए है. संगठन ने सबूत के तौर पर एक नया वीडियो जारी किया है जिसमें स्विस बंधक दिख रही है जो कुछ कहती नजर आ रहीहै, हालांकि उसकी आवाज साफ नहीं सुनायी पड़ रही है.
स्विस मिशनरी बीट्रिस स्टोकली पिछले साल जनवरी से माली में इस आतंकी संगठन की बंधक हैं. अमेरिका स्थित निगरानी समूह एसआईटीई के अनुसार ‘अल-कायदा इन द इस्लामिक मघरेब’ :एक्यूआईएम: गुट का दो मिनट 17 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम और ट्विटर पर कल पोस्ट किया गया था. इस वीडियो क्लिप में एक महिला दिख रही है जिसका सिर काले लबादे से ढका हुआ है. उसने अपनी पहचान स्टोकली के रुप में बताते हुए कहा कि इस वीडियो के रिकॉर्डिंग की तारीख 31 दिसंबर 2016 है और वह 360 दिन से एक्यूआईएम की बंधक है.
वीडियो में स्टोकली फ्रेंच में बोल रही थीं और वीडियो में उनकी आवाज मुश्किल से ही सुनी जा सकती है. उनका चेहरा धुंधला कर दिया गया है. स्टोकली ने वीडियो में अपने माता-पिता का अभिवादन किया और स्विस सरकार को ‘‘उसके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए” धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा स्वास्थ्य ठीक है.” पिछले साल जनवरी 2016 में एक्यूआईएम ने एक वीडियो में स्टोकली के अपहरण की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि स्विस मिशनरी का अपहरण सात जनवरी को किया गया.
आतंकी समूह ने स्टोकली को छोडने के बदले माली के जेल में बंद एक्यूआईएम के लडाकों को और द हेग में गिरफ्तार हुए एक नेता को छोडने की भी मांग की थी. स्विट्जरलैंड ने बिना किसी शर्त के स्टोकली की रिहाई की मांग की है. स्टॉकली (40 वर्षीय) ईसाई मिशनरी हैं.