नयी दिल्ली : संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) नोटबंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय व रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का जवाब संतोषजनक नहीं रहने पर प्रधानमंत्री को भी अपने समक्ष बुला सकती है. समिति ने वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के गवर्नर को नोटबंदी को लेकर विस्तृत प्रश्नावली भेजी है.नोटबंदी को लेकर 20 जनवरी को पीएसी बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को बुलाया गया है. पीएसी के अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता केवी थॉमस ने कहा कि हमने जो सवाल उन्हें भेजे थे, उनका जवाब अब तक नहीं मिला है. संभवत: 20 जनवरी तक मिलेंगे, जिस पर विस्तार से चर्चा होगी. प्रधानमंत्री को बुलाने के सवाल पर थॉमस ने कहा कि यदि सभी सदस्य सर्वसम्मति से तय करते हैं, तो हम उन्हें भी बुला सकते हैं. पीएसी ने नोटबंदी के इस अहम मुद्दे पर खुद ही संज्ञान लिया है. मालूम हो कि पीएसी कैग की रिपोर्ट की जांच-परख करती है.
पीएम का वादा नहीं हुआ पूरा : थॉमस ने कहा कि आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी. तब उन्होंने ने कहा था कि 50 दिन बाद दिसंबर अंत में स्थिति सामान्य हो जायेगी, लेकिन ऐसा दिखता नहीं है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाला है. 2,000 रुपये का नोट जारी करना संवेदनहीनता से भरा कदम है.
दूरसंचार सेवा ठीक नहीं, मोबाइल कैसे बनेगा बैंक : थॉमस ने सवाल उठाया कि ऐसे देश में जहां कॉल ड्रॉप की समस्या है और दूरसंचार सुविधाएं ठीक से नहीं चल रही हैं, प्रधानमंत्री कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि मोबाइल फोन पर इ-लेन देन हो सकेगा. क्या हमारे पास इसके लिए उपयुक्त ढांचागत सुविधाएं हैं?
रिजर्व बैंक के गवर्नर से पीएसी के सवाल
निर्णय प्रक्रिया में कौन शामिल था?
नोटबंदी के बाद कितना पैसा बैंकों में आया?
क्या ऐसा कानून है, जो लोगों को अपने ही धन तक पहुंचने से रोके?
अर्थव्यवस्था में वापस कितना धन डाला गया है?
क्या इससे कालेधन की समस्या का समाधान हुआ?
अर्थव्यवस्था और गरीब पर इसका क्या असर पड़ा?
भाजपा-कांग्रेस के बीच नयी मोरचाबंदी
यदि लोक लेखा समिति प्रधानमंत्री को नोटबंदी के मुद्दे पर जवाब के लिए बुलाने को लेकर गंभीर हुई तो भाजपा व कांग्रेस के बीच टकराव का नया मोरचा खुलेगा. समिति के अध्यक्ष कांग्रेस के सांसद केवी थॉमस हैं. इसके पहले 2012 में टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के दौरान पीएसी चर्चा में आयी थी. तब इसके अध्यक्ष भाजपा के मुरली मनोहर जोशी थे. नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री से जवाब की मांग को लेकर कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा किया था.