पूरे राज्य के साथ ही सिलीगुड़ी एवं पूरे उत्तर बंगाल में विभिन्न स्थानों पर केंद्र की मोदी सरकार के विरूद्ध आंदोलन का दौर शुरू हो गया है. सोमवार को भी पूरे राज्य के साथ ही सिलीगुड़ी में भी दार्जिलिंग जिला तृकां के बैनर तले और जिला अध्यक्ष सह पर्यटन मंत्री गौतम देव की अगुवायी में धरना-प्ररदर्शन के जरिये मोदी सरकार के विरूद्ध विरोध जताया गया. इस दौरान श्री देव ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर लताड़ा. उन्होंने कहा कि केंद्र तृकां के साथ बदले की राजनीति कर रही है. चिटफंड मामलों में तृकां के सांसदों को बेवजह घसीटा जा रहा है.
श्री देव ने केंद्र को ललकारते हुए कहा कि मोदी की तानाशाही अब और बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि मोदी की नोटबंदी का पूरे देश में एकमात्र आंदोलन तृकां सुप्रीमो सह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया. नोटबंदी के विरूद्ध तृकां के देशव्यापी आंदोलन से मोदी बौखला गये. उनका नोटबंदी और कैशलेश का सपना टांय-टांय फिस हो गया. इसी बदले की राजनैतिक भाव की वजह से मोदी अपने पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. सीबीआइ पर चिटफंड मामलों में तृकां के सांसदों, नेता-मंत्रियों पर झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार करने का दबाव दिया जा रहा है.
साथ ही मीडिया की सुर्खियों में छाये सीबीआइ के नजर में गौतम देव भी की सफाई पर उन्होंने कहा कि मां-माटी-मानुष की ममता सरकार में दीदी के बाद दूसरा सच्चा नेता एकमात्र वो हैं. श्री देव ने कहा कि उनपर कोई भी काला दाग नहीं दिखा सकता. चिटफंड या अन्य किसी भी तरह के घोटालों से उनका कोई लेना-देना नहीं है. अगर सीबीआइ तलब करती है तो वह खुद हाजिरी देंगे. दिनभर चले धरना प्रदर्शन के दौरान निगम में विरोधी दल के नेता रंजन सरकार, नांटु पाल, कृष्णचंद्र पाल, रंजनशील शर्मा, पार्षद प्रदीप गोयल, मंजू्श्री पाल व अन्य सभी पार्षदों के अलावा युवा नेता विजय सरकार, कमल गोयल, मुकेश देवसरिया समेत भारी संख्या में नेता, कार्यकर्ता व समर्थक शामिल हुए.
इस बीच, उत्तर बंगाल के कई हिस्सों में तृणमूल समर्थकों ने प्रधानमंत्री का पूतला फूंका. उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में तृणमूल जिलाध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती के नेतृत्व में पूर्व जिलाध्यक्ष चंदन दे, नगर पालिका चेयरमैन मोहन बसु, युवा तृणमूल के जिलाध्यक्ष सैकत चटर्जी, तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष अभिजीत सिन्हा आदि ने रैली में शामिल होकर विरोध प्रदर्शन किया. सौरभ चक्रवर्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री के वादे के मुताबिक नोटबंदी के पचास दिन बाद भी समस्या बनी हुयी है. मांग के अनुसार अभी भी बैंको में नोट उपलब्ध नही हैं. चाय श्रमिक व दैनिक मजदूरों मजदूरी अभी भी नहीं मिल रही है. नैतिकता के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को त्यागपत्र दे देना चाहिए. दक्षिण दिनाजपुर जिला तृणमूल की ओर से प्रधानमंत्री के नोटबंदी फैसले के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया गया. धरना मंच पर जिला तृणमूल के वरिष्ठ नेतागण उपस्थित थे. इसके अतिरिक्त कूचबिहार जिले में भी नोटबंदी के खिलाफ राज्य सरकार के उत्तर बंगाल विकास मंत्री व जिलाध्यक्ष रवींद्रनाथ घोष के नेतृत्व में विरोध रैली निकाली गयी. रैली के माध्यम से तृणमूल समर्थकों ने प्रधानमंत्री का पूतला फूंका.