देश की सीमा पर सुरक्षा में एक जवान को 11-11 घंटे तक खड़े होकर ड्यूटी करनी पड़ती है, मगर उनकी खुराक पर को लेकर सवाल उठते रहे हैं. यह सवाल सरकार से नहीं, सेना के उन अधिकारियों से जुड़ा होता है, जिन पर हमारे सैनिकों की खुराक का जिम्मा होता है. ऐसा ही एक सवाल बीएसएफ के एक जवान ने सोशल मीडिया के जरिये उठाया है. फेसबुक पर वीडीओ पोस्ट कर उसने अपना दर्द बयां किया है, कड़ी ड्यूटी के बाद जवानों को कैसे खाने मेंजली हुई रोटी और पनछोर (पानी वाली) दाल मिलती है.
सोशल मीडिया में वायरल हुई इस वीडियो को एक लाख 75 हजार से भी अधिक लोगों ले शेयर किया है और 31 लाख से भी अधिक लोगों ने देखा है.
सीमा सुरक्षा बल ( बीएसएफ) के जवान तेजबहादुर ने इस वीडियो के जरिये सेना में व्यापात भ्रष्ट्राचार को उजागर करने का दावा किया है. उसने सोशल मीडिया में वीडियो अपलोड कर जवानों को मिलने वाले खुराक का खुलासा किया. उसने एक के बाद एक कई वीडियो शेयर किये हैं, जिनमें उसने सेना के जवानों को मिलने वाले खाने की सच्चाई समाने रखी है.
तेजबहादुर ने इस वीडियो में अपनी जान का खतरा भी बताया है. उसने दावा किया है कि सेना में कई वरिष्ठ अधिकारी हैं, जिनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है. तेजबहादुर ने कहा है, हो सकता है, इस सच को सामने रखने के कारण मेरी जान चली जाये, लेकिन इस सच्चाई को लोगों के सामने लाना जरूरी था. उसने तीन वीडियो शेयर कर किचन की भी तस्वीरें दिखायी है, जिसमें खाना बनाने वाले रसोइये ये साफ कहते नजर आ रहे हैं कि किचन में सामान नहीं है.
सुबह के नाश्ते में मिलता है जला हुआ पराठा और एक कप चाय. सेना के जवान तेजबहादुर ने सरकार पर सवाल खड़ा नहीं किया है. उसने माना है कि सरकार सारी चीजें जवानों के लिए भेजती है, पर वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रष्ट्राचार के कारण उन तक पूरी खुराक नहीं पहुंचती. तेजबहादुर ने इस उम्मीद के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट पर यह वीडियो शेयर किया कि उसकी आवाज सरकार और मीडिया तक पहुंचे, ताकि सेना के जवानों को मिलने वाली सुविधा की जांच को और इसमें जल्द-से-जल्द सुधार हो.
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए बीएसएफ ने अपने आधिकारिक टि्वटर पर हैंडल पर टि्वट करते हुए कहा कि हम इस मामले की पूरी जांच करेगें. सेना के जवानों का विशेष ध्यान रखा जाता है इसके बावजूद भी अगर कोई शिकायत आयी है तो इसकी जांच होगी. जांच के लिए टीम पहुंच चुकी है.