नयी दिल्ली : रेल मंत्रालयने यात्रियों पर किराये का बोझ कम करने के लिए एक नयी रणनीति बनायी है. इसके तहत ट्रेन व रेलवे स्टेशनों की ब्रांडिंग निजी कंपनियों के नाम से की जा सकेगी, जिसके बदले उसे कंपनियों से विज्ञापन के जरिये कमाई होगी. रेल मंत्रालय अगले सप्ताह इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पेश करेगा. अगर ऐसा होगा तो गाड़ियाें व स्टेशन के नाम के साथ उस कंपनी का नाम जुड़ सकता है. इससे अापको यह फायदा होगा किकिराया में वृद्धि नहीं होगी, जिससे आपकी जेब पर असर नहीं पड़ेगा.
इस योजना पर डॉ मनमोहन सिंह की सरकार भी काम करना चाहती थी, लेकिन वह सफलतापूर्वक उस समय नहीं हो सका. इस नीति के तहत कंपनियां पूरी ट्रेन की ब्रांडिंग राइट कर सकेंगी. रेलवे का अनुमान है कि इससे उसे 2000 करोड़ रुपये सालाना कमाई हो सकेगी. मालूम हो कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलमंत्रालय को निर्देश दिया था कि वे वैकल्पिक स्रोत से कमाई का जरिया ढूंढे.
मालूम हो कि पिछले साल रेलवे ने चार खास ट्रेनों के इस तरह के राइट बेचे थे, जिससे उसने साल भर में आठ करोड़ रुपये कमाई का लक्ष्य रखा था. ये ट्रेनें हैं : मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी, अहमदाबाद-मुंबई डबल डेकर, मुंबई राजधानी एवं अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस. रेलमंत्रालय स्टेशन, प्लेटफार्म, फुटओवरब्रीज पर एलइडी लाइट की संख्या बढ़ाना चाहता है, ताकि वहां पर अधिक से अधिक विज्ञापनदाताओं को आकर्षित किया जा सके. इसके अलावा प्रमुख स्टेशनों पर 2000 एटीएम लगाने की भी उसकी योजना है.