अनिकेत त्रिवेदी
पटना : अमूमन मार्च के अंत में आने वाले बजट को इस वर्ष फरवरी में ही लाने का प्रयास किया जा रहा है. मेयर अफजल इमाम ने जनवरी के शुरुआत में ही पत्र जारी करते हुए बजट संबंधी लेखा पेश करने का निर्देश दिया है, ताकि एक माह में इसका स्वरूप तैयार कर लिया जाय. बकौल मेयर वित्तीय वर्ष 2010-11 में भी एक माह पहले बजट लाया गया था.
अंतरिम होगा बजट, नया बोर्ड फिर कर सकता है फेरबदल
वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक कई उथल-पुथल के बाद मेयर अफजल इमाम अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, लेकिन अब निगम मामलों के जानकार बताते हैं कि इस बार जो फरवरी या मार्च में बजट पेश किया जायेगा, वो चुनाव होने तक ही प्रभावी रहेगा. वहीं दूसरी तरफ जब नयी सरकार का गठन होगा, तो निगम की नयी बोर्ड बनेगी. बोर्ड अगर चाहे तो पूरे बजट को पूर्ण या आंशिक रूप से बदलाव कर सकती है.
15 फरवरी से 31 मार्च तक पेश करना होता है बजट
नगरपालिका अधिनियम 2007 के अनुसार नगर निगम को 15 फरवरी के बाद बजट पेश करना होता है. निगम के नियमानुसार किसी भी स्थिति में 31 मार्च तक बजट के प्रारूप को बोर्ड से पास करा लेना होता है. इस बार चुनाव की घोषणा के बाद अाचार संहिता लग जायेगी. इसलिए मेयर की कोशिश है कि इससे पहले बजट को पास करा लिया जाय. नियमानुसार एक अप्रैल से नगर निगम को नये बजट के आधार पर ही कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाना होता है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 427 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. इसमें निगम ने 248 करोड़ रुपये फायदा का बजट बताया गया था. बजट को नगर विकास व आवास विभाग की एजेंसी स्पर ने तैयार किया था. कुल 97 पन्ने के बजट में पूरी कार्ययोजना बतायी गयी थी. वहीं दूसरी तरफ निगम ने कई प्रस्तावित योजनाओं पर काम भी शुरू नहीं हो सका, मसलन हर अंचल में शाॅपिंग मॉल, जिम, मौर्यालोक में फ्री वाइ-फाई, मेयर आयुक्त निवास के लिए दो करोड़ की योजना, कांजी हाउस व कचरा के लिए ट्रांसफर स्टेशन बनाने जैसी योजना की शुरुआत तक नहीं की जा सकी.
विकास बाधित न हो
इस बार बजट को पहले लाने का प्रयास किया जा रहा है. पहले भी मेरे कार्यकाल में एेसा हुआ है. कोशिश है कि चुनाव के कारण शहर का विकास कार्य बाधित नहीं हो, इसलिए पहले ही बजट पास कर लिया जाये.
अफजल इमाम, मेयर