लखनऊ : समाजवार्टी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज जोर देकर कहा कि वह अब भी पार्टी प्रमुख हैं. उन्होंने उस सम्मेलन की वैधता पर सवाल खडा किया जिसमें उन्हें अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और उनके बेटे अखिलेश को उनकी जगह अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उन्होंने दावा किया कि उनके रिश्ते के भाई रामगोपाल यादव द्वारा एक जनवरी को लखनउ में बुलाया गया विशेष राष्ट्रीय सम्मेलन ‘अवैध’ था क्योंकि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने 30 दिसंबर को रामगोपाल को पहले ही पार्टी से निकाल दिया था.
समाजवादी पार्टी पर नियंत्रण को लेकर अखिलेश-रामगोपाल खेमा से निपट रहे मुलायम ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘ मैं समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव केवल मुख्यमंत्री हैं. शिवपाल यादव अब भी समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हैं.’ उन्होंने जोर दिया, ‘‘ रामगोपाल यादव को 30 दिसंबर, 2016 को इस पार्टी से छह वर्ष के लिए निकाल दिया गया था। इसलिए, उनके द्वारा एक जनवरी, 2017 को बुलाया गया पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन अवैध था।’ पार्टी के भीतर चल रही कलह में अखिलेश का साथ दे रहे रामगोपाल ने सपा महासचिव की हैसियत से यह बैठक बुलाई थी.
मुलायम सिंह अपनी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर दावा करने के लिए कल चुनाव आयोग जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कल तक का समय दिया है जिसके बाद आयोग तय करेगा कि इन दोनों पर किस खेमे का दावा सही है. कल अखिलेश के खेमा ने चुनाव आयोग को हलफनामा सौंपा जिसमें 90 प्रतिशत विधायकों और प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया है. साथ ही 229 विधायकों में से 200 से अधिक विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री को समर्थन दिए जाने का भी दावा इसमें किया गया है
I am Samajwadi party chief and Akhilesh Yadav is the Chief Minister UP, Shivpal Yadav is the state President: Mulayam Singh Yadav pic.twitter.com/prceqFQraC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2017
दूसरी तरफ अखिलेश गुट ने चुनाव आयोग को जो कागजात सौंपे हैं, मुलायम ने उनकी सत्यता पर भी सवाल उठा दिया है और उसकी जांच करने के लिए कहा है. समाजवादी पार्टी में अखिलेश और मुलायम का झगड़ा अब नया नहीं है. अमर सिंह और शिवपाल दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. रामगोपाल ने कहा, चुनाव आयोग के पास सारी जानकारी दे दी गयी है. नेताजी के पास भी इसे भेजा गया लेकिन उन्होंने इसे लेने से इनकार कर दिया.
Kya zidd hai? kis baat ki akad hai? Iss ghar ko aag lag gayi ghar ke chiraag se, hum mil kar rehna chahte hain: Amar Singh #SPfeud pic.twitter.com/LjFojASHI8
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2017
Farzi log farzi hi baatein karte hain, hum aisa nahi karte hain:Ramgopal Yadav on Amar Singh's comment that signatures of support are forged pic.twitter.com/GjiFRG817R
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2017