मालदा डिवीजन के ग्रुप डी कर्मियों ने किया विक्षोभ प्रदर्शन
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गलत इलाज को लेकर रेल अस्पताल अधीक्षक का घेराव
मालदा डिवीजन के ग्रुप डी कर्मियों ने किया विक्षोभ प्रदर्शन मौके पर पंहुची रेल पुलिस, एक घंटे तक चला घेराव मालदा : एक रेल कर्मी का गलत इलाज किये जाने का आरोप लगाते हुए मालदा डिवीजन के ग्रुप डी कर्मचारियों और मरीज के रिश्तेदारों ने रेल अस्पताल के अधीक्षक का घेराव कर विरोध जताया. शुक्रवार […]
मौके पर पंहुची रेल पुलिस, एक घंटे तक चला घेराव
मालदा : एक रेल कर्मी का गलत इलाज किये जाने का आरोप लगाते हुए मालदा डिवीजन के ग्रुप डी कर्मचारियों और मरीज के रिश्तेदारों ने रेल अस्पताल के अधीक्षक का घेराव कर विरोध जताया. शुक्रवार दोपहर इस विरोध प्रदर्शन को लेकर रेल अस्पताल में हंगामे का माहौल बन गया. बिना किसी पूर्व घोषणा के घेराव की खबर मिलते ही रेल पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. लेकिन रेल पुलिस की मौजूदगी में भी रेल कर्मियों और मरीज के रिश्तेदारों ने करीब एक घंटे तक रेल अस्पताल के अधीक्षक का घेराव किये रखा. बाद में अधीक्षक डॉ बी घटक द्वारा आवश्यक कार्रवाई किये जाने के आश्वासन के बाद घेराव हटाया गया.
रेल अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि गत 20 नवंबर को गौड़ मालदा स्टेशन के पास बिजली का काम करते हुए रेल कर्मी आलोक कुमार (32) बिजली के खंभे से गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. उनका घर गया में है. आलोक कुमार का बायां हाथ टूट गया था. इसके बाद उन्हें उनके सहकर्मियों ने रेल अस्पताल पहुंचाया. यहां इलाज के बाद उनके हाथ पर प्लास्टर किया गया. घायल रेल कर्मी आलोक कुमार का कहना है कि उनका इलाज ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर डॉ प्रसाद ने किया था. लेकिन प्लास्टर होने के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ. एक महीने बाद भी दर्द कम नहीं होने पर वह फिर से डॉ प्रसाद के पास गये. लेकिन उन्होंने कहा कि दर्द ठीक हो जायेगा और मुझे घर भेज दिया. फिर भी दर्द कम नहीं होने पर वह बीते सप्ताह एक प्राइवेट चिकित्सक के पास गये. उन्होंने डॉक्टरी जांच के बाद बताया कि बायें हाथ की टूटी हड्डी में संक्रमण फैल गया है. अगर समय पर ऑपरेशन नहीं किया गया तो बायां हाथ काटना पड़ सकता है. इस ऑपरेशन में करीब एक लाख रुपये का खर्च आयेगा. इसके बाद मैंने इस बारे में अपने रिश्तेदारों और सहकर्मियों को बताया. ग्रुप डी कर्मचारियों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से आलोक कुमार के बायें हाथ में संक्रमण फैला. उनका इलाज ठीक से नहीं किया गया. रेल कर्मियों ने कहा कि जिस डॉक्टर की गलती की वजह से ऐसा हुआ है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाना होगा. पीड़ित रेल कर्मी को मुआवजा देना होगा.
इधर रेल अस्पताल के अधीक्षक डॉ बी घटक ने बताया कि घायल रेल कर्मचारी के हाथ की क्या स्थिति है, इस बारे में पूरी रिपोर्ट देखे बिना कुछ नहीं कह पाऊंगा. रेलवे उसे हावड़ा डिवीजन के हड्डी रोग विशेषज्ञों के पास भेज रहा है. वहां उसके नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था की जायेगी.
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