केएमपीएम कॉलेज में रेकी का दो दिवसीय समिट ‘अंत:करण’ आरंभ
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85 फीसदी बीमारी नकारात्मक सोच का नतीजा
केएमपीएम कॉलेज में रेकी का दो दिवसीय समिट ‘अंत:करण’ आरंभ जमशेदपुर : 85 प्रतिशत बीमारी का कारण नकारात्मक सोच व नकारात्मक ऊर्जा है. इसे दूर कर अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है. यह बात अहमदाबाद से आये रेकी थैरेपी के ग्रांड मास्टर प्रवीण डी पटेल ने कही. वह शनिवार को बिष्टुपुर स्थित मिसेज केएमपीएम […]
जमशेदपुर : 85 प्रतिशत बीमारी का कारण नकारात्मक सोच व नकारात्मक ऊर्जा है. इसे दूर कर अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है. यह बात अहमदाबाद से आये रेकी थैरेपी के ग्रांड मास्टर प्रवीण डी पटेल ने कही. वह शनिवार को बिष्टुपुर स्थित मिसेज केएमपीएम कॉलेज में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि रेकी एक कुदरती उपचार चिकित्सा है. इससे कैंसर का इलाज भी संभव है. कई चिकित्सक हैं, जिन्होंने रेकी का प्रशिक्षण लिया है. यहां तक अमेरिका में 50 से अधिक अस्पताल हैं, जहां एलोपैथिक चिकित्सा के साथ इलाज में रेकी थैरेपी भी अपनाई जा रही है. यहां तक कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इस पर शोध चल रहा है. इस यूनिवर्सिटी ने भी इसे मेडिकल साइंस का हिस्सा माना है.
कॉस्मिक ऊर्जा से दूर करते हैं नकारात्क ऊर्जा : पीए विश्वनाथन. टाटा स्टील, महाप्रबंधक पद से सेवानिवृत्त रेकी मास्टर पीए विश्वनाथन ने बताया कि इलाज मानव शरीर के अंदर व बाहर ऊर्जा है, जो प्राण आधार है. उसमें किसी प्रकार का अवरोध आता है, उसे हम बीमारी कहते हैं. शरीर में 24 चक्र हैं, जिनमें 7 महत्वपूर्ण हैं. इन्हीं को जागृत कर कॉस्मिक एनर्जी का प्रवाह कर नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर दिया जाता है. इससे मन शांत व आंतरित ऊर्जा बढ़ती है और मरीज बेहतर महसूस करता है.
रेकी थैरेपी का प्रचार-प्रसार जरूरी : डॉ केपी दूबे. इससे पूर्व टीएमएच, इएनटी विभाग के हेड डॉ केपी दूबे ने समिट का उदघाटन किया. उन्होंने बताया कि शहर में इस थैरेपी काे लाने वाले डॉ सर्वेश खन्ना से उन्होंने इसके बारे में जानकारी मिली थी. इसकी एनर्जी का पता चला.
उदघाटन सत्र का संचालन वीएस पांडेय ने किया. समिट में शहर व राज्य समेत कोयंबटूर, विशाखापत्नम, हैदराबाद समेत देश के अन्य हिस्सों से आये रेकी मास्टर भाग ले रहे हैं. इस आयोजन में टीएन पांडेय, ताप्ति घोष, बुलबुल दत्ता, अल्पना भट्टाचार्य, वी शारदा समेत अन्य सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं.
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