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कांग्रेस ने ‘‘नोटबंदी घोटाला”” की न्यायिक जांच की मांग की

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ‘‘नोटबंदी घोटाला” की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आज दावा किया कि अधिकतर काला धन बैंकों में लौट आया है जो ‘‘साजिश” का संकेत देता है. सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि 15.15 लाख रुपए के पुराने नोट अमान्य किए गए और […]

मुंबई : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ‘‘नोटबंदी घोटाला” की न्यायिक जांच की मांग करते हुए आज दावा किया कि अधिकतर काला धन बैंकों में लौट आया है जो ‘‘साजिश” का संकेत देता है. सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि 15.15 लाख रुपए के पुराने नोट अमान्य किए गए और इनमें से 14.97 लाख करोड रुपए वापस बैंकों में आ गए हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘क्या कथित काला धन वैध हो गया है? सत्तारुढ भाजपा और बैंकिंग संस्थानों की साजिश के बिना यह संभव नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा, ‘‘अगर बैंकों में जमा राशि काला धन नहीं है तो काले धन के खिलाफ लडाई क्या है… हम नोटबंदी घोटाले की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हैं.”
सिब्बल ने बजट की तारीख को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने सवाल किया कि बजट पहले पेश किए जाने की क्या जरुरत है जबकि आवंटनों का कार्यान्वयन पहली अपै्रल से होना है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशीलकुमार शिंदे ने नोटबंदी के बाद सामने आए काले धन का ब्यौरा नहीं देने के लिए रिजर्व बैंक और केंद्र की आलोचना की तथा कहा कि 50 दिनों के बाद भी आम लोगों की समस्याएं दूर नहीं हुयी हैं.
शिंदे ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी काला धन के खिलाफ किसी भी कदम का समर्थन करती है लेकिन नागरिकों को परेशानी हो रही है और वे मेहनत से कमाए अपने पैसे भी नहीं निकाल सकते. इस बीच नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस के देशव्यापी आंदोलन के तहत पार्टी की मुंबई इकाई ने आज यहां प्रदर्शन किया और इस कदम से लोगों को परेशानी में डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की मांग की.
प्रदर्शन में पार्टी की मंुबई इकाई के प्रमुख संजय निरुपम भी शामिल हुए। निरुपम ने कहा कि नोटबंदी के कारण 138 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार ने उनकी मौत पर शोक तक नहीं जताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से 50 दिनों की बात की थी लेकिन अब इसके दो महीने हो चुके हैं लेकिन लोगों को परेशानियां बरकरार हैं.

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