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खुले में शौच को जाते लोगों को खोज रहे बीडीओ

रांची: राज्य के प्रखंडों को खुले में शौच से मुक्त करने की जिम्मेवारी बीडीओ को सौंप दी गयी है. अब बीडीओ को सुनिश्चित कराना है कि उनका प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो. जिलों के उपायुक्तों के आदेश पर बीडीओ सुबह पांच बजे उठ कर खुले में शौच करनेवालों की तलाश में निकल रहे […]

रांची: राज्य के प्रखंडों को खुले में शौच से मुक्त करने की जिम्मेवारी बीडीओ को सौंप दी गयी है. अब बीडीओ को सुनिश्चित कराना है कि उनका प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो. जिलों के उपायुक्तों के आदेश पर बीडीओ सुबह पांच बजे उठ कर खुले में शौच करनेवालों की तलाश में निकल रहे हैं. ऐसे लोगों को गुलाब का फूल देकर उनसे शौचालय का इस्तेमाल करने का आग्रह कर रहे हैं. इस मुहिम को मार्निंग फॉलो-अप का नाम दिया गया है. खुले में शौच कर रहे लोगों से बीडीओ स्वयं बात कर उन्हें शौचालय के प्रयोग के फायदे समझाते हैं. संबंधित व्यक्ति के यहां शौचालय नहीं होने की स्थिति में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण कराते हैं.
जागरूक करने की पहल : राज्य में ऐसे लोग बड़ी संख्या में हैं, जो पक्का शौचालय होने के बावजूद खुले में ही शौच करते हैं.
ऐसे लोगों की वजह से संबंधित पंचायत, प्रखंड या जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने में सफलता नहीं मिल रही है. शौचालय के इस्तेमाल के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिलों के उपायुक्तों ने प्रखंडों में बीडीओ के नेतृत्व में टीम तैयार की है. टीम में बीडीओ के अलावा पंचायत सेवक व स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.
सरकार के लिए चुनौती
स्वच्छ भारत मिशन(एसबीएम) के तहत झारखंड को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) कराना सरकार के लिए चुनौती है. झारखंड सरकार ने वर्ष 2018 तक राज्य को ओडीएफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. मिशन मोड पर इसे पूरा करने के लिए तमाम विभाग मशक्कत कर रहे हैं.
महिला अधिकारियों को हो रही है दिक्कत
उच्चाधिकारियों की कड़ी मॉनिटरिंग की वजह से राज्य के सभी जिलों में पदस्थापित बीडीओ को मार्निंग फॉलो-अप के लिए अहले सुबह निकलना व खुले में शौच करनेवालों को रोकना होता है. डेली रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराने की बाध्यता महिला प्रखंड विकास पदाधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है. खुले में शौच करनेवाले पुरुषों को समझाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है. हालांकि, अब तक किसी महिला बीडीओ ने इस बारे में लिखित रूप से विरोध नहीं जताया है.
क्या कहते हैं आंकड़े
2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड के ग्रामीण इलाकों के 92.8 %घरों में शौचालय नहीं थे
ग्रामीण इलाकों के लगभग 51 लाख में से 37 लाख घरों में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया था
दो अक्तूबर 2014 से चल रहे स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत छह नवंबर 2016 तक राज्य में 7.54 लाख शौचालयों का निर्माण कराया गया है.
प्रत्येक घरों में शौचालय निर्माण के लिए राज्य सरकार 12 हजार रुपये का अनुदान देती है. अब तक राज्य में 1313 गांव और 225 पंचायत समेत कुल 12 प्रखंड ओडीएफ घोषित किये गये हैं

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