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नारदा घूसकांड की जांच पर हाइकोर्ट की तीखी टिप्पणी, राज्य पुलिस सक्षम नहीं
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ ने नारदा मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी जांच राज्य पुलिस के जरिये नहीं हो सकती. जो तथ्य अदालत के सामने आये हैं, उनकी जांच किये जाने की जरूरत है. अब सवाल उठता है कि आखिर जांच कौन करेगा? अदालत का […]
कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे की खंडपीठ ने नारदा मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि इसकी जांच राज्य पुलिस के जरिये नहीं हो सकती. जो तथ्य अदालत के सामने आये हैं, उनकी जांच किये जाने की जरूरत है. अब सवाल उठता है कि आखिर जांच कौन करेगा? अदालत का कहना था कि यदि वीडियो में दिखाये गये आरोपियों के खिलाफ जांच होती है, तो स्थानीय पुलिस काफी नहीं है. यह जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा होनी चाहिए.
कोर्ट ने दिया बंगारू लक्ष्मण का उदाहरण
राज्य के एडवोकेट जनरल जयंत मित्रा ने कहा कि केवल रुपये लेने से कोई गलत नहीं होता, जिन्हें रुपये लेते दिखाया गया, वे चुनाव भी जीते हैं. रुपये मांगे जाने का कोई प्रमाण वीडियो में नहीं है. अदालत का कहना था कि बंगारू लक्ष्मण के वीडियो में भी रुपये मांगे जाने का प्रमाण नहीं था, लेकिन वह घूस का मामला बना. अदालत को जो प्रमाण मिले हैं, उनकी जांच कराने की जरूरत है. लेकिन जांच कौन करेगा. राज्य की पुलिस द्वारा यह जांच नहीं हो सकती है.
कोर्ट ने कहा : अनुदान का कोई नियम होता है
उधर, वकील कल्याण बनर्जी का कहना था कि यह वीडियो राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित था. यह राजनीतिक नेताओं की छवि को धूमिल करने के लिए किया था. यहां रुपये मांगने का कोई फुटेज नहीं है. हो सकता है यह कोई अनुदान हो. इस पर अदालत का कहना था कि अनुदान का कोई नियम तो होता है. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
सीबीआइ के रडार पर एक अभिनेत्री
करीब 33,000 करोड़ रुपये के रोजवैली चिटफंड घोटाले में कथित तौर पर लिप्त होने के आरोप में सीबीआइ की टीम ने हाल ही में तृणमूल सांसद तापस पाल व सुदीप बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार किया है. दोनों से पूछताछ के अलावा अब तक की जांच में हाथ लगे सबूत के आधार पर अब सीबीआइ की टीम एक प्रख्यात टॉलीवुड अभिनेत्री के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक उन्हें आशंका है कि नाम का खुलासा होने के बाद अब वह अभिनेत्री सिंगापुर में अपने पति के पास जा सकती है. इस संबंध में हाल ही में एयरपोर्ट के कुछ अधिकारियों को फोन कर सीबीआइ ने उन्हें सतर्क भी किया है. सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि अगर वह अभिनेत्री एयरपोर्ट से कहीं जाने की कोशिश करती है, तो इसकी जानकारी उन्हें दें. गौरतलब है कि रोजवैली की जांच में सीबीआइ को पता चला कि कंपनी के फिल्म विभाग से जुड़ने के बाद से समय-समय पर इस अभिनेत्री ने कंपनी के निदेशक गौतम कुंडू से तकरीबन 300 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले थे. इस जानकारी के बाद से सीबीआइ की टीम उस अभिनेत्री के खिलाफ इस घोटाले में लिप्त होने के सबूत जुटा रही है. अभिनेत्री के उस समय से लेकर अब तक के बैंक अकाउंट की जांच करने के अलावा उनके परिचित तक से सीबीआइ पूछताछ कर चुकी है. हाथ लगे पूरे सबूत की जांच खत्म होने के बाद पूछताछ के लिए उस अभिनेत्री को सीबीआइ दफ्तर जल्द बुलाने की संभावना है.
तृणमूल के कई और नेता भी निशाने पर
रोजवैली चिटफंड घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों की गिरफ्तारी के बाद भी तूफान थमा नहीं है. अब इस सिलसिले में पार्टी के तीन और नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, इनमें से दो ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में वरिष्ठ मंत्री हैं.
गौरतलब है कि बीते एक हफ्ते में सीबीआइ पार्टी के दो सांसदों सुदीप बंद्योपाध्याय और तापस पाल को गिरफ्तार कर चुकी है. रोजवैली घोटाले में सीबीआइ की जांच जैसे-जैसे बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह घोटाला सारधा घोटाले से कई गुणा बड़ा नजर आने लगा है. अटकलें लगायी जा रही हैं कि पूछताछ के लिए तृणमूल के किस नेता का अगला नंबर आयेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच करते वक्त प्रवर्तन निदेशालय (इडी)को तृणमूल नेताओं के खिलाफ संयोगवश कुछ सबूत मिले थे. इडी जुटाये गये प्रथम दृष्टया सबूत को जांच के लिए सीबीआइ को सौंप चुकी है. 2015 में सौंपी गयी रिपोर्ट में ममता बनर्जी कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री का नाम है, जिसका ताल्लुक कोलकाता से है. इसके अलावा, उत्तर बंगाल से एक मंत्री और तृणमूल के छात्र विंग के एक पूर्व अध्यक्ष का भी नाम है.
रिपोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने उल्लेख किया है कि कोलकाता से ताल्लुक रखनेवाले मंत्री ने रोजवैली के चेयरमैन गौतम कुंडू की मदद की थी. ये मदद ‘रोज वैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ उपभोक्ता अदालतों में दर्ज केसों को प्रभावित करने में’ की गयी थी. रिपोर्ट में आरोप है कि मंत्री ने अपनी बेटी को उसका इंटीरियर डेकोरेशन बिजनेस शुरू कराने के लिए गौतम कुंडू से मिलवाया था. उत्तर बंगाल के मंत्री के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने रोजवैली के मालिक को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल के एक दौरे पर उनसे मिलवाया था. रिपोर्ट के मुताबिक इस मंत्री ने गौतम कुंडू के सिलीगुड़ी और डुआर्स में स्थित शिक्षा और होटल के कारोबार को भी प्रभावित किया था. रिपोर्ट में तृणमूल के एक और जिस नेता का नाम है, वह तृणमूल छात्र परिषद का पूर्व अध्यक्ष है. यह नेता सारधा घोटाले में भी जांच के रडार पर है. रिपोर्ट में इस नेता के बारे में कहा गया है कि वह रोजवैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के मनी मार्केटिंग के बिजनेस से गहरे तौर पर जुड़ा था और उसने मार्केट से फंड इकट्ठा करने के लिए एजेंट्स को ट्रेनिंग भी दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नेता ने पार्टी के महासचिव के अपने पद का भी इस्तेमाल किया और अभियुक्त व्यक्ति को भरोसा दिया था कि रोजवैली ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ भविष्य में होनेवाली शिकायतों पर स्थानीय पुलिस को प्रभाव में लेकर चेक रखेगा.
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