कालचक्र पूजा में शामिल नहीं होने के चीन के फरमान की पूजा आयोजन समिति ने की निंदा
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग के प्रति जताया आभार
बोधगया :बोधगया में आयोजित 34वीं कालचक्र पूजा में तिब्बती श्रद्धालुओं के शामिल होने पर चीन सरकार द्वारा रोक लगाये जाने की निंदा करते हुए पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष करमा गेलेक ने कहा कि यह तो मानवाधिकार का उल्लंघन के साथ ही तिब्बती नागरिकों के धार्मिक अधिकारों पर भी चोट है. बुधवार को कालचक्र मैदान में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अध्यक्ष व समिति के उपाध्यक्ष वांगचुक ने कहा कि कालचक्र पूजा पूर्ण रूप से धार्मिक आयोजन है. इसमें 80 देशों के श्रद्धालु व दलाई लामा के अनुयायी शामिल हो रहे हैं. इस दौरान पूजा में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे अनुमानत: सात हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को चीन के फरमान के बाद वापस होना पड़ा, जबकि पूजा में शामिल होने के लिए तैयार हजारों श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच सके.
उन्होंने बताया कि चीन सरकार व उनके प्रशासन ने फरमान जारी कर दिया कि जिस समाज से कोई भी व्यक्ति बोधगया जायेगा या कालचक्र पूजा में शामिल होगा, उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा. नौकरी छीन ली जायेगी, स्कूलों से बच्चों के नाम काट दिये जायेंगे व जरूरत पड़ी, तो उनके बच्चों को भी छीन लिया जायेगा. इस बात को लेकर आयोजन समिति ने निंदा की है. साथ ही, दलाई लामा ने इसके बाद तिब्बती श्रद्धालुओं को बोधगया से ही आशीर्वाद देने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि कालचक्र पूजा के समापन के बाद इस मसले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा की जायेगी.
सरकार व प्रशासन का जताया आभार : दलाई लामा सहित श्रद्धालुओं की सुरक्षा से लेकर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आयोजन समिति ने बिहार सरकार व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है. समिति के अध्यक्ष लामा गेलेक ने कहा कि बोधगया में साफ-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था, सुरक्षा, बिजली, पानी व अन्य सुविधाएं मुकम्मल रूप से उपलब्ध करायी जा रही हैं.
साथ ही, पर्याप्त संख्या में एटीएम व स्वाइप मशीन की उपलब्धता के कारण श्रद्धालुओं को भी परेशानी नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण आयोजन समिति को पूजा की तैयारी करने व इसके संचालन में भी किसी तरह की परेशानी नहीं हो पा रही है. इसके लिए बैंकों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. उन्होंने व्यवस्था व सुरक्षा के लिए डीएम कुमार रवि व एसएसपी गरिमा मलिक का आभार जताया व कहा कि पूजा के समापन तक सरकार व प्रशासन का सहयोग मिलता रहेगा.
मानवता के कल्याण के लिए है कालचक्र पूजा: समिति के अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने ढाई-तीन लाख श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की थी, पर फिलहाल डेढ़ लाख के आसपास ही श्रद्धालु यहां पहुंच सके हैं. उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने अपने सभी अनुयायियों को शाकाहारी भोजन करने का संदेश दिया है.
इसका पालन किया जाना चाहिए. कालचक्र पूजा के संदर्भ में कहा कि यह विश्व से संपूर्ण मानव जाति के कल्याण, विश्व में शांति, सहिष्णुता व आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के साथ ही बौद्ध दर्शन के मर्म को लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया में आयोजित की गयी है. इसमें दलाई लामा द्वारा आचार्य शांतिदेव द्वारा अनुवादित-रचित बोधिचित्त का प्रवचन भी दिया जायेगा, जिससे श्रोताओं के अंत:करण की शुद्धि के साथ ही शांति व नेक कर्म करने की प्रेरणा मिलेगी.