दरअसल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान कुल 308004 इंदिरा आवास स्वीकृत किये थे. मुख्य सचिव के साथ तथा अन्य विभागीय बैठकों में कहा गया था कि 30 सितंबर 2016 तक सभी लंबित आवास पूर्ण कर लें. इसके बाद 30 नवंबर तक की तारीख दी गयी. इसके बाद भी एक लाख से अधिक (113026) आवास लंबित हैं. इसी के बाद वेतन रोकने की कार्रवाई की गयी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार अब नयी समय सीमा (31 जनवरी 2017) तक अावास पूर्ण नहीं हुए, तो संबंधित बीडीअो पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
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10 जिलों के 24 बीडीअो का वेतन रोकने का अादेश
रांची:ग्रामीण विकास विभाग ने इंदिरा आवास योजना में लापरवाही बरतने वाले 24 प्रखंड विकास पदाधिकारियों (बीडीअो) का वेतन रोकने का आदेश दिया है. विभाग की अोर से कुल 10 जिले के उपायुक्त तथा उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को लिखा गया है कि जिन प्रखंडों में पहले स्वीकृत इंदिरा आवास 40 फीसदी या इससे भी कम […]
रांची:ग्रामीण विकास विभाग ने इंदिरा आवास योजना में लापरवाही बरतने वाले 24 प्रखंड विकास पदाधिकारियों (बीडीअो) का वेतन रोकने का आदेश दिया है. विभाग की अोर से कुल 10 जिले के उपायुक्त तथा उप विकास आयुक्त (डीडीसी) को लिखा गया है कि जिन प्रखंडों में पहले स्वीकृत इंदिरा आवास 40 फीसदी या इससे भी कम पूरे हुए हैं, उन बीडीअो का दिसंबर माह का वेतन रोक दिया जाये. वहीं उन्हें काम पूरा करने के लिए पहले से तय 31 जनवरी की अोर ध्यान दिलाते हुए समय सीमा के अंदर काम पूरा करने संबंधी चिट्ठी विभाग की उप सचिव नीलम लता ने 30 दिसंबर को जारी की है.
जिन जिलों को पत्र भेजा गया है उनमें चतरा, धनबाद, गढ़वा, गोड्डा, हजारीबाग, लातेहार, पलामू, रामगढ़, रांची व साहेबगंज जिले शामिल हैं. सबसे खराब स्थिति गढ़वा जिले के बारगढ़ प्रखंड की है. यहां कुल 230 में से 197 आवास (86 फीसदी) लंबित हैं. वहीं संख्या के लिहाज से सबसे अधिक 1317 आवास गोड्डा के सुंदर पहाड़ी प्रखंड में लंबित हैं. इस जिले के कई प्रखंडों की उपलब्धि बदतर है.
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