नयी दिल्ली : नोटबंदी के चलते नकदी की समस्या का असर देश के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों पर पड़ा है. दिसंबर में लगातार दूसरे महीने इस क्षेत्र के कारोबार में संकुचन हुआऔर नये ऑर्डर में तेज गिरावट आयी. यह बात सेवा क्षेत्र की कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच कराए जाने वाली एक प्रतिष्ठित मासिक सर्वेक्षण रपट में सामने आयी है.
निक्की इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआइ) की रपट के अनुसार दिसंबर में सेवा क्षेत्र का परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआइ) 46.8 रहा जबकि नवंबर में यह 46.7 था. सूचकांक का 50 से ऊपर होना आर्थिक गतिविधियों में तेजी और इससे नीचे होना संकुचन का प्रतीक है.
इस सूचकांक में नवंबर में गिरावट आयी थी और नोटबंदी की वजह से यह दिसंबर में भी नीचे ही बना रहा है. सितंबर 2013 के बाद इस सूचकांक में यह सबसे तेज गिरावट है. आइएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और इस सर्वेक्षण रपट की लेखिका पॉलीयाना डी लीमा ने कहा, ‘‘भारतीय सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए 2016 का अंत काफी धीमा रहा है. सूचकांक के अनुसार इस क्षेत्र की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही की औसत गतिविधियां 2014 के शुरुआती साल के बाद सबसे कम है.
कारखानों के उत्पादन में भी कमी आयी है. पिछले तीन साल में पूरे निजी क्षेत्र की गतिविधियों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गयी है. विनिर्माण और सेवा क्षेत्र दोनों के संयुक्त परिणाम दर्शाने वाला निक्की इंडिया कंपोजिट पीएमआइ आउटपुट सूचकांक दिसंबर में घटकर 47.6 रहा जो नवंबर में 49.1 था.
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