जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आज सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने 2010 की हिंसा के लिए किसी को कसूरवार नहीं ठहराया है. मेरा दिल भारी पड़ जाता है जब मैं उन लम्हों को याद करता हूं… उन्होंने कहा कि 2010 के हालात के लिए मैंने उन बच्चों के मां-बाप को या फिर पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया.. इसके लिए किसी को बली का बकरा नहीं बनाया…
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बेशक बंदूक मेरे कंधे से न लगी हो लेकिन जिस कुर्सी पर मैं बैठा था जिम्मेदारी मेरी बनती थी जिसे निभाने में मैं फेल हो गया.
आपको बता दें कि जून 2010 की हिंसा में 122 लोगों की मौत हो गई थी. तत्कालीन सरकार ने घटना की जांच के लिए आयोग का गठन किया था.
कश्मीर में 2010 की हिंसा में मारे गए लोगों की जांच के लिए गठित आयोग ने पांच साल बाद पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट सौंपी है. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एमएल कौल ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलकर उन्हें रिपोर्ट सौंपी. 320 पेज की रिपोर्ट में इस प्रकार की स्थितियों से निबटने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं.
Maine kabhi 2010 ke liye kisiko kasoorwar nahi tehraya;Mera dil bhari padh jaata hai jab mai yaad karta hun: Omar Abdullah in J&K Assembly pic.twitter.com/BH1YDtQtRF
— ANI (@ANI) January 3, 2017
2010 ke halat ke liye, maine un bacchon ke maa-baap ko ya phir Pak ko doshi nhi tehraya;Iskeliye kisiko bali ka bakra nhi banaya: O Abdullah pic.twitter.com/AhoG45FXPj
— ANI (@ANI) January 3, 2017
Beshak bandook mere kandhe se na lagi ho,lekin jis kursi pe mai baitha tha jimmedari meri banti thi,jise nibhane mei mai fail hua-O Abdullah
— ANI (@ANI) January 3, 2017