लखनऊ/नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी में साइकिल के चुनाव चिन्ह पर हंगामा मचा हुआ है. जहां मामले को लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग से मिल चुके हैं वहीं, आज अखिलेश खेमे से रामगोपाल यादव आयोग पहुंचकर साइकिल पर दावा पेश करेंगे. रामगोपाल 11 बजे आयोग पहुंचेंगे.
मामले को लेकर आज एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि यदि अखिलेश को साइकिल नहीं मिली तो वो मोटरसाइकिल चुनाव चिन्ह ले सकते हैं. अखिलेश यादव के एक बेहद करीबी सूत्र के हवाले से खबर दी गई है कि अखिलेश को पता है कि चुनाव आयोग साइकिल चुनाव चिह्न को जब्त कर सकता है. ऐसे में अखिलेश गुट मोटरसाइकिल को अपना चुनाव चिन्ह बनाने का पूरा मन बना चुका है.
जानकारों की माने तो अखिलेश गुट आयोग के सामने यह साबित करने की पूरी कोशिश करेगा कि समाजवादी पार्टी की अगुवाई अखिलेश यादव कर रहे है. ऐसे में चुनाव चिह्न साइकिल पर अखिलेश गुट को मिलना चाहिए. ऐसे में दोनों गुटों के दावे की जांच में चुनाव आयोग को महीनों लग सकते हैं. जबकि यूपी में चुनाव का समय सिर पर है. आयोग कभी भी चुनाव का एलान कर सकता है.
ऐसे समय में अखिलेश गुट को नए चुनाव चिह्न के साथ चुनाव के मैदान में आना होगा. ऐसे में अखिलेश गुट को लगता है कि साइकिल से ज्यादा तेज चलने वाली मोटरसाइकिल की सवारी अच्छी रहेगी.
आपको बता दें कि सपा पर कब्जे की लड़ाई सोमवार को चुनाव आयोग पहुंच गयी. मुलायम सिंह यादव ने पार्टी नेताओं शिवपाल यादव, अमर सिंह और जया प्रदा के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की और खुद को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए कहा कि सपा के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर उनका ही स्वाभाविक दावा बनता है.
उधर, रामगोपाल यादव मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर साइकिल पर अपना दावा ठोकेंगे. साथ ही रविवार को सपा के विशेष अधिवेशन में लिये गये फैसले की जानकारी देंगे. मुलायम के चुनाव आयोग पहुंचने के साथ ही अब सपा की लड़ाई की गेंद आयोग के पाले में है. पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी का कहना है कि सपा में जिस तरह की लड़ाई जारी है, उससे पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल फ्रीज हो सकता है.