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स्वच्छ रही, तभी पास होगी अपनी रांची
होगी सबकी कड़ी परीक्षा. देश भर के 500 शहरों में चार जनवरी से शुरू हो रहा है स्वच्छता सर्वेक्षण देश भर के 500 शहरों में ‘स्वच्छता सर्वेक्षण’ चार जनवरी से शुरू हो रहा है. इसमें आपकी रांची भी शामिल है. सर्वेक्षण पूरे एक माह (4 फरवरी) तक चलेगा, जिसके नतीजों के आधार पर 15 फरवरी […]
होगी सबकी कड़ी परीक्षा. देश भर के 500 शहरों में चार जनवरी से शुरू हो रहा है स्वच्छता सर्वेक्षण
देश भर के 500 शहरों में ‘स्वच्छता सर्वेक्षण’ चार जनवरी से शुरू हो रहा है. इसमें आपकी रांची भी शामिल है. सर्वेक्षण पूरे एक माह (4 फरवरी) तक चलेगा, जिसके नतीजों के आधार पर 15 फरवरी को देश के सर्वश्रेष्ठ से लेकर बदतर शहरों तक की सूची जारी की जायेगी. स्वच्छता की यह परीक्षा न केवल रांची के लिए, बल्कि यहां रहनेवाले हर नागरिक केलिए महत्वपूर्ण है. ऐसे में हर रांचीवासी की जिम्मेवारी बनती है कि वह शहर को साफ और स्वच्छ रखे, साथ ही इस सर्वेक्षण में भाग ले.
रांची : स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग प्रतियोगिता कुल 2000 अंकों की है. इसमें 600 नंबर केवल आमलोगों के फीडबैक पर दिये जायेंगे. यानी साफ-सफाई व स्वच्छता संबंधी आपकी समझ, कचरे के निष्पादन के आपके तरीके तथा इससे जुड़े सवालों के जवाब अापके शहर को नंबर दिलायेंगे.
नगर निगम द्वारा साफ-सफाई के लिए किये जा रहे कार्य तथा कचरा निष्पादन के इसके तरीके के आधार पर 900 नंबर मिलेंगे. वहीं, 500 नंबर केंद्र सरकार द्वारा हायर की गयी एजेंसी क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) के सर्वे के आधार पर दिये जायेंगे. इसमें क्यूसीआइ की टीम रैंडमली फोन करके शहर के लोगों से स्वच्छता से जुड़े सवाल पूछेगी. आम शहरी से पूछे गये इन प्रश्नों के गलत जवाब देने पर शहर की मार्किंग भी कटेगी.
अपने शहर को ऐसे दिला सकते हैं बेहतर अंक : स्वच्छता सर्वेक्षण में भागीदारी को लेकर रांची नगर निगम ने भी तैयारी कर ली है. शहर में सफाई अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही लोगों को यह बताया जा रहा है कि वे कैसे अपने शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक दिला सकते हैं.
स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अफसर प्रमोद भट्ट ने ‘प्रभात खबर’ के जरिये लोगों से अपील की है कि वे खुले में कचरा फेंकने के बजाय इसे डस्टबिन में ही डालें. इसके अलावा अगर किसी मोहल्ले में गंदगी का ढेर लगा हुआ है या नाली जाम है, तो लोग स्वच्छता एप को डाउनलोड कर उसमें शिकायत दर्ज करायें. निगम प्राथमिकता के आधार पर वहां सफाई करायेगा. सर्वेक्षण का दूसरा अहम पहलू केंद्रीय टीम के द्वारा पूछे जानेवाले सवालों के जवाब हैं. अगर लोगों के जवाब नकारात्मक होंगे तो शहर को अंक भी कम मिलेंगे.
ऐसे ही कारणों से बीते साल 62वें स्थान पर रह गयी थी रांची
यह तसवीर डेली मार्केट स्थित सब्जी मंडी की है, जहां हमेशा गंदगी का अंबार लगा रहता है़ इससे सब्जी विक्रेताओं और ग्राहकों के अलावा आसपास के लोगों को भी परेशानी होती है. ऐसे ही कुछ कारण थे, जिसकी वजह से वर्ष 2016 में कुल 73 शहरों के सर्वेक्षण में रांची को 62वां स्थान मिला था. वहीं, धनबाद अंतिम स्थान यानी 73वें नंबर पर था. कर्नाटक के मैसूर को देश भर में सबसे साफ व स्वच्छ शहर का दरजा मिला था.
स्वच्छता एप डाउनलोड करें
शहर के नागरिक जितनी अधिक संख्या में अपने मोबाइल में स्वच्छता एप डाउनलोड कर इसका इस्तेमाल करेंगे, अपने शहर को उतने ही अधिक नंबर मिलेंगे. स्वच्छता एप डाउनलोड करने के लिए गूगल प्ले स्टोर में जाकर स्वच्छता एमओयूडी एप डाउनलोड करना होगा. इस एप के जरिये आप अपने मोहल्ले के गंदा होने व नाली जाम होने की शिकायत भी कर सकते हैं. इस एप का जितना अधिक इस्तेमाल होगा. शहर की रैकिंग उतनी अच्छी होगी.
क्यूसीआइ की टीम पूछेगी ये सवाल
क्या आपको पता है कि आपका शहर स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में भाग ले रहे 500 शहरों में शामिल है?
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की सफाई व्यवस्था को आप कैसा आंकते हैं?
पिछले वर्ष के तुलना में इस वर्ष शौचालयों की संख्या बढ़ी है या नहीं?
अगर बढ़ी है तो इन शौचालयों की स्थिति बेहतर है या नहीं?पिछले वर्ष के तुलना में इस वर्ष डस्टबीन की संख्या बढ़ी है या नहीं?
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