नयी दिल्ली : नोटबंदी से परेशान लोगों को सुकून पहुंचाने का प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार रात ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के गरीबों, मध्यम वर्ग, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की और साथ ही चेतावनी दी कि बेईमानों के खिलाफ कानून पूरी ताकत से कार्रवाई करेगा. पांच सौ रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने की आश्चर्यजनक घोषणा के 50 दिन पूरे होने पर राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने हालांकि बैंकों में राशि निकालने पर लगायी गए रोक हटाने के लिए कोई खाका पेश नहीं किया लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि नये वर्ष में उनका पूरा जोर जितनी जल्दी हो सके सामान्य स्थिति बहाल करने पर होगा.
उन्होंने संकल्प व्यक्त किया कि कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई को रोका या धीमा नहीं किया जायेगा. एक तरह से मिनी बजट जैसे दिखने वाले संबोधन में प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में आवास योजना के तहत दो नई योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने कहा कि देश में काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास अपना घर नहीं है. गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए सरकार दो योजनाएं लाने जा रही है.
* प्रधानमंत्री आवास योजना में 12 लाख रुपये के आवास रिण पर मिलेगी ब्याज सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नये साल में मकान के लिये कर्ज लेने वालों को चार प्रतिशत तक की ब्याज सब्सिडी देने की घोषणा की. इस पहल का मकसद नोटबंदी के बाद गांवों और शहरों में आवास क्षेत्र को गति देना है. नये साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 33 प्रतिशत और मकान बनाये जाएंगे.
इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में नौ लाख रुपये तक के आवास ऋण पर चार प्रतिशत तथा 12 लाख रुपये तक के कर्ज पर तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलेगी. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दो लाख रुपये तक के आवास ऋण पर तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलेगी.
* प्रधानमंत्री ने बैंकों से नकदी की स्थिति सामान्य करने पर ध्यान देने को कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद 50 दिन के दौरान बैंक कर्मचारियों के कामकाज की आज सराहना की. उन्होंने उनसे यथाशीघ्र स्थिति समान्य बनाने पर ध्यान देने और गरीब तथा निम्न मध्यम वर्ग को कर्ज में प्राथमिकता देने को कहा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रयास है कि जितनी जल्दी हो नये साल में बैंक प्रणाली को सामान्य बनाया जाए. मैंने सरकार में सभी संबद्ध अधिकारियों से इस कार्य पर अपना ध्यान देने को कहा है.’
नये वर्ष की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बैंकों से खासकर ग्रामीण तथा दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिये सक्रियता से काम करने को कहा ताकि किसानों और ग्रामीणों की कठिनाइयों को दूर किया जा सके.
हालांकि, उन्होंने 50 दिन की अवधि में गड़बड़ी में शामिल कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. मोदी ने कहा, ‘‘इस बड़े प्रयास के बीच कुछ बैंकों के कुछ कर्मचारियों ने गंभीर अपराध किये और वह सामने आया. कुछ सरकारी अधिकारियों ने भी गंभीर अपराध किये और स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास किया, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.’ उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग व्यवस्था में इतनी कम अवधि में इतनी राशि कभी नहीं आयी. ‘‘बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे अपील करुंगा कि वे अपनी परंपरागत प्राथमिकताओं से उपर उठे तथा अपने कार्यों में गरीब, निम्न मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग पर ध्यान दें.’
* फसल ऋण पर किसानों को राहत, दो महीने के ब्याज से मिली छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद किसानों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की कि रबी मौसम की बुवाई के लिये किसानों द्वारा जिला सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों से लिये गये फसल कर्ज पर दो महीने के ब्याज भुगतान का बोझ सरकार खुद उठायेगी. नये साल की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि तीन महीने के भीतर तीन करोड ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ को रुपे कार्ड में तब्दील किया जाएगा. इससे किसान कहीं से भी खेती के लिये खाद, बीज आदि खरीद सकेंगे.
जिला सहकारी बैंकों तथा समितियों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नाबार्ड को 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त उपलब्ध कराये जायेंगे. मोदी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह में यह धारणा बनाने की कोशिश की गयी कि कृषि क्षेत्र बर्बाद हो गया. ऐसा कहने वालों को किसानों ने खुद ही जवाब दे दिया. रबी फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक हुई है जबकि इस दौरान उर्वरकों का उठाव भी नौ प्रतिशत बढा है.’ सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाया है कि किसानों को बीज, खाद और कर्ज के अभाव में परेशान नहीं होना पड़े.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब हमने किसानों के हित में कुछ और फैसले किये हैं. जिन किसानों ने रबी फसल के लिये जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों तथा सहकारी समितियों से कर्ज लिया है, उन्हें ऐसे कर्ज पर 60 दिन का ब्याज नहीं देना होगा.’ उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने पिछले दो महीने के दौरान ब्याज का भुगतान किया, उन्हें वह पैसा सीधे उनके बैंक खाते में मिल जाएगा. मोदी ने कहा, ‘‘किसानों को जिला सहकारी बैंकों तथा प्राथमिक समितियों से आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने के लिये व्यवस्था की जा रही है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक :नाबार्ड: ने पिछले महीने 21,000 करोड रपये का कोष सृजित किया.
* संस्थागत प्रसव अपनाने वाली महिलाओं को मिलेगी 6000 रुपये की सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्थागत प्रसव अपनाने वाली और अपने बच्चे का टीकाकरण कराने वाली महिलाओं को 6000 रुपये की सहायता मिलेगी. इस कदम का लक्ष्य मातृत्य मृत्युदर तथा जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य में सुधार लाना है. नये साल की पूर्व संध्या पर टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस सहायता से प्रसव से पहले और बाद में माता के लिए पोषण सुनिश्चित होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हम गर्भवती महिलाओं की वित्तीय सहायता के लिए राष्ट्रव्यापी योजना शुरू कर रहे हैं. उन गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में सीधे 6000 रुपये अंतरित हो जाएंगे जो संस्थागत प्रसव अपनाती हैं और अपने बच्चे का टीकाकरण कराती हैं.’ मोदी ने कहा कि यह योजना प्रसव से पूर्व एवं पश्चात माता के लिए बेहतर पोषण सुनिश्चित करने के अलावा जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य में सुधार के अलावा काफी हद तक मातृत्व मृत्युदर घटाने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि अबतक 53 जिलों में गर्भवती महिलाओं को प्रायोगिक परियोजना के तहत 4000 रुपये की सहायता मिल रही है.