नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र के बीच बढ़ते तनाव के बीच पूर्व नौकरशाह अनिल बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल पद की शपथ ली. बहरहाल 70 वर्षीय बैजल ने कहा कि वह दिल्ली की बेहतरी के लिए आप सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे. शपथ लेने के बाद आप सरकार के साथ संबंधों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘यह कयास लगाने वाली बातें हैं और मुझे नहीं मालूम कि संबंध कैसे सुधरेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘हम साथ बैठकर बात करेंगे.’ उन्होंने उपराज्यपाल पद की जिम्मेदारी देने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली महानगर है जहां महिलाओं की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, बड़ी आबादी, ढांचागत सुविधाएं, नागरिक एजेंसियां और भीड़भाड़ जैसी समस्याएं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम सब इन समस्याओं के बारे में जानते हैं. हम एक साथ बैठेंगे और उनका समाधान करेंगे.’ बैजल को उपराज्यपाल के पद और गोपनीयता की शपथ दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी ने दिलायी.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और नयी दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया. वर्ष 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह सचिव थे और अन्य मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों पर रहे.
बैजल 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष भी हैं. वह मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 60 हजार करोड़ रुपये के जवाहरलाल नेहरु शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) का प्रारुप तैयार करने और लागू करने में सक्रिय रूप से जुड़े रहे. पूर्व नौकरशाह विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन की कार्यकारी परिषद् में भी थे.
कौन हैं अनिल बैजल
अनिल बैजल पूर्व आईएएस ऑफिसर हैं और गृह सचिव जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं. अनिल बैजल 1969 बैच के आईएएस हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में उन्होंने गृह सचिव का पद संभाला था. बैजल राष्ट्रीय राजधानी के 21वें उप राज्यपाल बने हैं. वह 2006 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वह दिल्ली विकास प्राधिकरण के पूर्व उप प्रमुख भी हैं.
बैजल मनमोहन सिंह सरकार द्वारा शुरू किये गये 60,000 करोड़ रुपये की लागत वाले जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) की अभिकल्पना एवं लोकार्पण से सक्रियता से जुड़े हुए थे. वह थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल की कार्यकारी परिषद में भी थे. थिंक टैंक के कई पूर्व सदस्यों को मोदी सरकार ने वरिष्ठ पदों पर नियुक्त किया है, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हैं. जंग ने 22 दिसंबर को पद से इस्तीफा दे दिया था.