सुनील कुमार
लातेहार : गबन मामले में दस माह तक जेल में रहे पंचायत सेवक को न निलंबित किया गया और न ही उसके वेतन पर रोक लगायी गयी. मामला महुआडांड़ प्रखंड के दुरूप ग्राम पंचायत के पंचायत सेवक भीखू प्रसाद का है.
इतना ही नहीं, जेल से निकलते ही भीखू की पोस्टिंग (नवंबर 2016) अति दुर्गम दुरूप पंचायत से स्थानांतरित कर शहरी क्षेत्र महुआडांड़ पंचायत में कर दी गयी. मामले के सूचक महुआडांड़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने भी आरोपी पंचायत सेवक के नये पदस्थापन पर बगैर कोई टिप्पणी किये योगदान करा दिया.
क्या है मामला : महुआडांड़ के बीडीओ ने दुरूप पंचायत में मनरेगा समेत कई योजनाओं में बगैर काम कराये राशि की निकासी के आरोप में पंचायत सेवक भीखू प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी.
पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में पंचायत सेवक को प्रथमदृष्टया दोषी पाया और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उक्त आरोपी पंचायत सेवक दस माह तक जेल में रहा. फिर उसे झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिली एवं मामला अदालत में विचाराधीन है.
कोट
मामला संज्ञान में आया है तो फाइल देख कर निश्चित रूप से कानून सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
अनिल कुमार सिंह, उप विकास आयुक्त
भीखू प्रसाद गबन के नामजद आरोपी हैं. जेल भी गये हैं. वह कितने माह जेल में रहे, इसकी जानकारी नहीं है. उनके निलंबन व वेतन के संबंध में भी नहीं मालूम है. जहां तक महुआडांड़ पंचायत में पोस्टिंग की बात है तो मैंने अधिकारियों के आदेश का अनुपालन किया है़ भीखू प्रसाद का पदस्थापन पर योगदान कराया गया है.
मो अनीस, प्रखंड विकास पदाधिकारी, महुआडांड़
मैं जेल गया था. सरकार ने जेल भेजा था और सरकार ने ही पुन: योगदान कराया है, तो मैं इस संबंध में क्या कह सकता हू़ं
भीखू प्रसाद, आरोपी पंचायत सेवक