इसकी वजह कई ऐसे गांव हैं जहां अभी तक बिजली ही नहीं पहुंची है. लोग शिक्षित नहीं हैं. इतना ही नहीं अधिकांश गांवों में टेलीकॉम और नेटवर्किंग सेवा भी अभी तक नहीं है. कैशलेस गांव गढ़ने के लिए पहले टेलीकॉम और इंटरनेट सेवा के विकास की जरूरत है. इसी तरह की समस्या चाय बागानों में भी है. श्री सेनगुप्त ने यह बातें शुक्रवार को जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज प्रखंड में नये शाखा के उद्घाटन समारोह के दौरान कही. उन्होंने कहा कि एसबीआइ व अन्य बैंकों ने गांवों और चाय बागानों में मोबाइल वेन परिसेवा, माइक्रो एटीएम परिसेवा, ग्रामीण व चाय बागानों के श्रमिकों के बैंक एकाउंट खोलना, कार्यशाला व शिविरों के मार्फत ग्रामीणों को मोबाइल फोन के जरिये ऑनलाइन नेट बैंकिंग परिसेवा का लाभ उठाने की जानकारी देने, डिजिटल ग्राम गढ़ने के लिए गांवों को गोद लेने जैसे अन्य पहल की शुरूआत की है.
श्री सेनगुप्त ने एसबीआइ द्वारा बंगाल में कुल 20 गांवों को पूरी तरह डिजिटल ग्राम गढ़ने के लिए गोद लिये जाने का दावा किया. इसके लिए बंगाल में एसबीआइ के प्रत्येक सर्किल को कम-से-कम एक गांव गोद लेने के का टारगेट दिया गया है.सीजीएम पार्थ प्रतिम सेनगुप्त ने आज एसबीआइ के सिलीगुड़ी मोड्यूल के अंतर्गत राजगंज में 219वीं शाखा का उद्घाटन करने के साथ ही उन्होंने राजगंज प्रखंड के चाय बागानों में मोबाइल वैन बैंकिंग सेवा का भी आगाज किया. आज तीन मारूति वैनों के साथ बैंक कर्मचारी तीन चाय बागानों में जाकर श्रमिकों को माइक्रों एटीएम के जरिये बैंकिंग सेवा देंगे.
श्री सेनगुप्त ने कहा कि उत्तर बंगाल में कुल 236 चाय बागान हैं. इनमें से 91 चाय बागानों में एसबीआइ मोबाइल वैन के जरिये बैंकिंग परिसेवा देगी. साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग परिसेवा से जोड़ने के लिए एसबीआइ की प्राथमिकता ग्रामीण इलाकों में शाखा और एटीएम काउंटर खोलना है.