16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नोटबंदी पर अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

नयी दिल्ली : बड़े मूल्य के प्रतिबंधित नोटों के जरिये समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने के गोरखधंधे पर अंकुश के लिए 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों के लेनदेन करने और अपने पास एक निश्चित सीमा से अधिक संख्या में रखने को गैरकानूनी एवं दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी प्रदान […]

नयी दिल्ली : बड़े मूल्य के प्रतिबंधित नोटों के जरिये समानांतर अर्थव्यवस्था चलाने के गोरखधंधे पर अंकुश के लिए 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों के लेनदेन करने और अपने पास एक निश्चित सीमा से अधिक संख्या में रखने को गैरकानूनी एवं दंडनीय अपराध बनाने संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी प्रदान कर दी है.

विनिर्दिष्ट बैंक नोट :दायित्व का समापन: अध्यादेश-2016 के तहत चलन से बाहर कियेगये बड़े मूल्य के नोटों को रखना और उनका लेनदेन करना कानूनी अपराध है. जिसमें न्यूनतम 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने आज बताया कि पुराने प्रतिबंधित नोटों को कारोबार के लिए इस्तेमाल से रोकने के लिए यह अध्यादेश जरूरी था. उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि प्रतिबंधित नोटों के माध्यम से कोई समानांतर अर्थव्यवस्था चले.”

सरकार ने विदेश से आने वाले प्रवासी भारतीयों को चलन से बाहर कियेगये नोटों को बदलवाने के लिए 30 जून तक मौका दिया है. वे इन्हें रिजर्व बैंक के विनिर्दिष्ट कार्यालयों पर बदलवा सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपने साथ लाये गये पुराने प्रतिबंधित नोटों के बारे में हवाईअड्डों पर सीमा शुल्क विभाग को संख्या सहित पूरा ब्यौरा देना होगा.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे प्रवासी भारतीयों को रिजर्व बैंक की विनिर्दिष्ट शाखाओं में बंद कियेगये नोट जमा कराते समय सीमा शुल्क विभाग में दाखिल ब्यौरा भी प्रस्तुत करना होगा, झूठा ब्यौरा देने पर न्यूनतम 50,000 रुपये या प्रस्तुत नोटों के कुल मूल्य में से जो भी अधिक होगा, उतना जुर्माना देना होगा.

सरकार ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के समय जनता को प्रतिबंधित नोट बैंकों में जमा करवाने के लिए 50 दिन का समय दिया था. यह अवधि आज पूरी होगयी. कुछ शर्तों के साथ इन नोटों को रिजर्व बैंक के काउंटरों पर 31 मार्च तक अभी भी बदलवाया जा सकता है, लेकिन प्रवासी भारतीयों को 30 जून तक का मौका दिया गया है.

इस अध्यादेश के तहत जुर्माने का प्रावधान 31 मार्च 2016 के बाद प्रभावी होगा. उसी दिन देश में रहने वालों के लिए नोट बदलने की अवधि पूर्णतया समाप्त हो जायेगी. बयान में कहा गया है कि इस अध्यादेश के जरिये भारतीय रिजर्व बैंक कानून-1934 में संशोधन किया गया है. इस संशोधन के जरिये चलन से बाहर किये गये बैंक नोटों को समाप्त करने की घोषणा को विधायी समर्थन मिल गया है.

इस अध्यादेश से केंद्रीय बैंक विनिर्दिष्ट तिथि के बाद प्रतिबंधित नोटों के मूल्य को चुकाने के दायित्व से मुक्त हो जायेगा. भविष्य में इन नोटों को लेकर किसी तरह का कोई विवाद खड़ा नहीं हो इसलिये मात्र नोटबंदी की अधिसूचना जारी करने को काफी नहीं माना गया और यह अध्यादेश लाया गया.

बंद कियेगये 500, 1,000 रुपये के पुराने बंद नोट 31 मार्च के बाद भी एक निश्चित सीमा से अधिक रखने को कानून के तहत जुर्म माना जायेगा. जिस पर 10,000 रुपये अथवा रखी गयी राशि के पांच गुणा का जुर्माना इनमें जो भी अधिक होगा लगाया जायेगा.

अध्ययन एवं अनुसंधान करने वाले शोधार्थी अधिक से अधिक 25 की संख्या में यह नोट अपने पास रख सकते हैं. वर्ष 1978 में जब मोरारजी देसाई सरकार थी तब भी 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट अमान्य करने के बाद सरकार और रिजर्व बैंक को अमान्य नोटों के दायित्व को समाप्त करने के लिये इसी तरह का अध्यादेश लाया गया था. सूत्रों ने बताया कि जब भी सरकार किसी भी कानूनी तौर पर मान्य नोट को समाप्त करेगी, उसके दायित्व से मुक्त होने के लिये इस प्रकार के संशोधन की जरुरत होती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें