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10 साल पुराना था भोड़ाय साइट

गोड्डा : सीएल राजमहल परियोजना की ललमटिया के भोड़ाय साइट में पिछले 10 सालाें से खुदायी का काम चल रहा था. इस कारण इसे डीप माइनिंग के नाम से जाना जाता है. खदान में पहले ही काफी खनन कार्य हो चुका था. चारों ओर से खदान खंडहर हो गया था. देखते-ही-देखते गुरुवार रात खदान धंस […]

गोड्डा : सीएल राजमहल परियोजना की ललमटिया के भोड़ाय साइट में पिछले 10 सालाें से खुदायी का काम चल रहा था. इस कारण इसे डीप माइनिंग के नाम से जाना जाता है. खदान में पहले ही काफी खनन कार्य हो चुका था. चारों ओर से खदान खंडहर हो गया था. देखते-ही-देखते गुरुवार रात खदान धंस गया और पूरा खदान क्षेत्र समतल मैदान में तब्दील हो गया.
बता दें कि दो दिन पहले इसीएल के सीएमडी आरआर मिश्रा राजमहल परियोजना को निरीक्षण करने आये थे. उन्होंने भोड़ाय साइट का भी निरीक्षण किया था. यहां से अधिक खनन का निर्देश दिया और भोड़ाय गांव को हटाने का भी निर्देश दिया था. प्रबंधन अब खदान में तेजी से खनन कार्य में जुटा ही था कि खदान धंस गया. 300 फीट नीचे खदान समतल नजर आ रहा है. संभावना बतायी जा रही है कि मलबाद में लगभग 30 से 40 लोग फंसे है और सभी की मौत होने की आशंका है.
आसपास के लोग परिजनों की ले रहे टोह
खदान धंसने के बाद आसपास ग्रामीण परिजनों को ढूढ़ने में जुट गये है. लोगों को आस है कि कहीं ख्दान के मलबे से उनके परिजन निकल आये. लोग परिजनों की तलश कर रहे है. वहीं खदन क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. वहीं संभावना जतायी जा रही है कि मलबा को हटाने में लगभग तीन से चार दिन का भी समय लग सकता है.

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