इसके साथ ही इस प्रक्रिया में मोटर वाहन कंपनियों की भी मदद ली जायेगी. बुधवार को टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के पूर्वी भारत में टोयोटा ड्राइविंग स्कूल का उद्घाटन करने के अवसर पर परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी व परिवहन सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने ये बातें कहीं. श्री बंद्योपाध्याय ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस मुहैया कराने की प्रक्रिया धीरे-धीरे कड़ी की जा रही है. अब हर किसी को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल पायेगा. ड्राइविंग स्कूलों के कार्पोरेटाइजेशन होने की जरूरत है.
इस संबंध में सरकार मारुति, टाटा मोटर्स व अशोक लिलैंड जैसी कंपनियां से बातचीत कर रही हैं. उन्होंने कहा कि प्राय ही बिहार, झारखंड, ओडिशा के साथ-साथ राज्य के बेरोजगार युवा ड्राइविंग को अपना पेशा बना लेते हैं और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस भी मिल जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि राज्य में देश के साथ-साथ राज्य में सड़क दुर्घटना की संख्या में इजाफा हो रहा है. राज्य में प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटना में 6000 से अधिक लोगों की जान जा रही है. ऐसी स्थिति में ड्राइवरों को उचित प्रशिक्षण दिये जाने की जरूरत है.
इसके लिए कॉरपोरेट की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि केवल सही ड्राइविंग स्कूलों से प्रशिक्षित ड्राइवरों को ही गतिधारा व अन्य योजनाओं का लाभ मिल पायेगा. राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान ड्राइविंग स्कूलों की ऑडिंटिंग करवायेगी.
इसमें आइआइटी खड़गपुर की मदद ली जायेगी. इनके लगातार जांच की जरूरत है तथा इसमें सुधार की जरूरत है. राज्य सरकार आइटीआइ की मदद से राज्य में त्रिस्तरीय ड्राइविंग स्कूल खोलेगी. इस अवसर पर टॉपसेल टोयोटा कोलकाता के डीलर प्रिंसिपल अशोक मनकतला ने कहा कि पूरे देश में 2020 तक 50 ड्राइविंग स्कूल खोले जायेंगे तथा 2017 तक देश में छह और ड्राइविंग स्कूल खोले जायेंगे. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व निदेशक (विपणन व विक्रय) एन राजा ने ड्राइवरों के प्रशिक्षण के साथ-साथ सड़क सुरक्षा पर जोर दिया.