मंजूरी. निगम बोर्ड की बैठक में उपकरणों की खरीदारी पर लगी मुहर, 8.75 करोड़ होंेगे खर्च
पटना : राजधानी की सड़कों की सफाई स्वीपिंग मशीन से की जायेगी. इसको लेकर डेढ़ करोड़ की लागत से दो स्वीपिंग मशीन की खरीदारी की जायेगी. साथ ही ठोस कचरा प्रबंधन के तहत छह तरह के और भी उपकरणों की खरीदारी की जायेगी. इन उपकरणों की खरीद पर निगम प्रशासन 8.75 करोड़ रुपये खर्च करेगा. गुरुवार को मेयर अफजल इमाम की अध्यक्षता में हुई निगम बोर्ड की बैठक में उपकरण खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी.
मेयर ने उपकरण खरीद प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखा. दर्जनों वार्ड पार्षदों ने उपकरणों के मेंटेनेंस पर सवाल उठाया. वार्ड पार्षद विनय कुमार पप्पू, संजय कुमार सिंह, बलराम चौधरी, दीपक कुमार चौरसिया व कई अन्य पार्षदों ने कहा कि निगम पहले भी उपकरणों की खरीद कर चुका है, लेकिन उन उपकरणों का समुचित मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है.
स्थिति यह है कि नया उपकरण खराब होने पर उसे दुरुस्त नहीं कराया जाता है. उपकरणों के मेंटेनेंस को लेकर मैकेनिकल शाखा विकसित किया जाना चाहिए, जो उपकरणों का मेंटेनेंस करे. इसके जवाब में नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने कहा कि जिस एजेंसी से उपकरणों की खरीदारी की जायेगी, वह चार वर्षों तक मेंटेनेंस भी करेगी. साथ ही मैकेनिक शाखा को लेकर विभागीय स्तर पर विमर्श किया गया है. एक कार्यपालक पदाधिकारी व एक सहायक अभियंता (मैकेनिक) की मांग की गयी है, जो शीघ्र मिल जायेंगे.
सफाईकर्मी से प्रताड़ित पार्षद ने किया हंगामा : बैठक जैसे ही शुरू हुई, वार्ड नंबर तीन की पार्षद शकुंतला देवी सदन के वेल में आ गयीं और हंगामा करने लगीं. पार्षद ने मेयर व नगर आयुक्त से कहा कि उनके वार्ड की महिला सफाईकर्मी सुषमा देवी को हटा दिया गया, तो मेरे पति के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया गया है. बिना कार्यपालक पदाधिकारी के आदेश लिए वार्ड के सफाई निरीक्षक व सिटी मैनेजर ने बहाली की, लेकिन निगम प्रशासन चुप है. इस पर निगम बोर्ड ने मामले की जांच करने के साथ-साथ सफाई निरीक्षक व सिटी मैनेजर पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया.
भुगतान में विलंब होने पर मांगा गया स्पष्टीकरण
नगर निगम बोर्ड की बैठक में वार्ड नंबर 45 की पार्षद प्रभा देवी ने मेयर व नगर आयुक्त से कहा कि उनके वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा उठाव शुरू किया गया, लेकिन पांच माह से मजदूर को भुगतान नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि डोर-टू-डोर कचरा उठाव ठप है. इसको लेकर कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी (इओ) से शिकायत भी की गयी, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ. पार्षद के उठाये सवाल पर नगर आयुक्त ने तत्काल इओ पर कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण मांगा.
पार्षद और मेयर के बीच तू-तू, मैं-मैं
वार्ड नंबर तीन की पार्षद वेल में आकर हंगामा कर रही थीं, तो पार्षद सुषमा साहू समर्थन में बोलने के लिए खड़ी हुईं. उन्होंने अपने वार्ड की समस्या बतानी शुरू कीं, तो मेयर ने कहा कि पहले जवाब ले लेते हैं. इस पर सुषमा गुस्सा हो गयीं और उन्होंने कहा कि मेयर साहब हम बोलते हैं, तो बीच में मत हस्तक्षेप न करें. मेयर ने कहा कि अध्यक्ष हम हैं और मुद्दे से भटकेंगे, तो जरूर रोकेंगे. पांच-सात मिनटों तक तू-तू, मैं-मैं होने के बाद मामला शांत हो गया. वार्ड पार्षद रीता राय ने कहा कि 50 लाख की योजना स्वीकृत करने के बदले सिर्फ फाइल घुम रही है. इसके जवाब में अपर नगर आयुक्त (सफाई व योजना) जवाब देने खड़े हुए, तो पार्षद ने कहा कि इन्हें तो माइक भी पकड़ना नहीं आता है. इस पर नगर आयुक्त ने हस्तक्षेप किया. इसके बाद अपर नगर आयुक्त ने कहा कि आप सम्मान करेंगे, तो हम भी आपको सम्मान देंगे.
कहीं लाइट, तो कहीं जलजमाव की समस्या
बोर्ड की बैठक में मेयर ने प्रकाश पर्व में निगम द्वारा की जा रही साफ-सफाई की समीक्षा से संबंधित प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत किया. इस प्रस्ताव पर वार्ड पार्षद सीता सिन्हा ने कहा कि प्रकाश पर्व की तैयारी सराहनीय है, लेकिन बिस्कोमान गोलंबर पर लगा हाइमास्ट लाइट नहीं जल रही है.
वार्ड पार्षद बलराम चौधरी ने कहा कि सिटी में जो काम वर्षों से नहीं किया गया, वह छह माह में पूरा कर लिया गया है. हालांकि, उनके वार्ड की गलियों में अब भी जलजमाव की समस्या है. वहीं, वार्ड पार्षद विनय कुमार पप्पू, संजय कुमार सिंह, बालेश्वर सिंह, रूप नारायण मेहता, कुमार संजीत और दीपक चौरसिया ने कहा कि गुरुपर्व को लेकर बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था की गयी है. यह व्यवस्था आगे भी रहेगी़ इसके जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि इस सफलता के लिए आप पार्षदों का सहयोग भी सराहनीय है. आनेवाले दिनों में भी शहर की बेहतर साफ-सफाई होगी.