सिलीगुड़ी. महानंदा नदी के किनारे अवैध निर्माण, जबरिया दखल व खटालों को हटाने के लिये सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा शुरू अभियान को लेकर विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है. निगम के वाम मोरचा बोर्ड के मेयर सह विधायक अशोक भट्टाचार्य ने इसको लेकर तृणमूल राज्य सरकार को ग्रीन ट्राइब्यूनल में घसीटने का एलान कर दिया है. बीते 23 दिसंबर को अतिक्रमण हटाने के दौरान तृणमूल के स्थानीय नेताओं ने जो तांडव मचाया,उसकी पूरी रिपोर्ट निगम ने ग्रीन ट्राइब्यूनल को सौंपने का निर्णय किया है. इसके साथ ही मेयर तृणमूल नेताओं की करतूतों की जानकारी राज्य की मुख्यमंत्री सह तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी देने की भी तैयारी कर रहे हैं.
मेयर ने अतिक्रमण हटाने के क्रम में डिप्टी मेयर के पार्टी के तीन नंबर वार्ड पार्टी कार्यालय में तोड़फोड की घटना और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता की भी कड़ी आलोचना की है.
उल्लेखनीय है कि महानंदा नदी के किनारे अवैध निर्माण, जबरन दखल और खटाल हटाने तथा नदी को साफ करने की मांग काफी पुरानी है. इस मांग को लेकर सिलीगुड़ी के एक पर्यावरण प्रेमी सुभाष दत्त ने कलकत्ता हाइकोर्ट में एक मामला भी दायर किया है.
इस मामले की पिछली सुनवायी के बाद हाइकोर्ट की ग्रीन ट्राइब्यूनल बेंच ने नदी को साफ व स्वच्छ रखने के लिये सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र के आधार पर कार्यों का बंटवारा करने का एक निर्देश भी भेजा है. सिलीगुड़ी नगर निगम मिले निर्देश में कहा गया है कि नदी के उपर बांस आदि से अस्थायी पुल का निर्माण नहीं काराया जाना चाहिए. नदी को साफ रखने के लिये पक्के ब्रिज के दोनों ओर जाल(नेट) लगाया जाना चाहिए ताकि लोग उपर से नदी में कुछ ना फेंक सके. नदी के किनारों पर अवैध कब्जा, खटाल, अवैध निर्माण को जल्द खाली कराने का निर्देश दिया गया है. ग्रीन बेंच के निर्देशानुसार इस संबंध में किये गये कार्यों का पूरा विवरण मामले की अगली सुनवायी से पहले अदालत में जमा कराना होगा.
बुधवार को सिलीगुड़ी नगर निगम की सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि ग्रीन बेंच के निर्देशानुसार बीते 23 दिसंबर को महानंदा नदी कि किनारे अवैध निर्माण और खटालों को हटाने के लिये अभियान चलाया गया था. तीन नंबर वार्ड के स्थानीय तृणमूल नेताओं नें सरकारी काम में बाधा दिया. साथ ही लोगों को भड़काकर डिप्टी मेयर के कार्यालय हमला बोला गया.उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिये पुलिस से सहायता मांगी गयी थी. आठ से दस पुलिस के जवान मुकदर्शक के रूप में उपस्थित थे. श्री भट्टाचार्य ने तृणमूल की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकारी कार्यों में बाधा देना कानूनन अपराध है और आरोपियों के खिलाफ गैरजमानती मामला दर्ज करने का प्रावधान है. जबकि निगम और स्थानीय वार्ड पार्षद की ओर से अलग-अलग दो प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है.
यहां बता दें कि तीन नंबर वार्ड पार्षद की ओर से सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट की प्रधाननगर थाने में स्थानीय छह तृणमूल नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. लेकिन पुलिस ने अब तक इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है. पुलिस की इस भूमिका पर दुख प्रकट करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा पुलिस प्रशासन तृणमूल के दवाब में काम कर रही है. पुलिस की भूमिका को लेकर निगम के उपमेयर राम भजन महतों के नेतृत्व में निगम के एक प्रतिनिधी दल बुधवार को सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नर सी.एस.लेप्चा से मुलाकात करेगी. इन सभी विषयों को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र भेजने का निर्णय भी लिया गया है.
सिलीगुड़ी निगम के कार्यों की बदलेगी दिशा
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने निगम के कार्यों की दिशा बदलने का निर्णय किया है. इसमें निगम की आय बढ़ाने का मकसद है. इस संबंध में श्री भट्टाचार्य ने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष निगम की आय में काफी वृद्धि हुयी है. कचरा सफाई के लिये और भी गाड़ियां. ट्रिपर, डंपर आदि खरीदे जायेंगे. निगम की सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाया जायेगा. इसके जरिए निगम की गाड़ियों पर भी निगरानी रखी जायेगी. फिर से बायोमेट्रिक पद्धिति शुरू करने पर विचार किया जा रहा है. सामाजिक सुरक्षा के करीब चार हजार लाभार्थियों को बैंक के माध्यम से भत्ता देने की कवायद तेज की गयी है.