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6 माह में निबट गयीं 77 हजार शिकायतें
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम कुलभूषण पटना : राज्य की जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की सफलता के बाद लोगों की शिकायतों को एक तय समय सीमा में दूर करने के लिए राज्य सरकार ने लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बनाया. इस कानून की सफलता को […]
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम
कुलभूषण
पटना : राज्य की जनता से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की सफलता के बाद लोगों की शिकायतों को एक तय समय सीमा में दूर करने के लिए राज्य सरकार ने लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बनाया. इस कानून की सफलता को इससे भी समझा जा सकता है कि लगभग छह माह में 98393 शिकायत दर्ज की गयी.
इतनी बड़ी संख्या में दर्ज शिकायतों में से 77048 मामलों का निष्पादन कर दिया गया. विभिन्न कारणों से अब तक 19690 मामले लंबित हैं, इसके भी निबटारे की प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी इतनी संख्या में शिकायतों को दूर करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी. लोगों को एक ही शिकायत के लिए बार-बार जनता दरबार में आना पड़ता था. इसके बावजूद उनकी शिकायतों को दूर होने की कोई गारंटी नहीं थी.
इसके कारण लोगों को सरकार की जनता दरबार की व्यवस्था पर असंतोष भी होने लगा था. राज्य सरकार ने इस तरह की व्यवस्था कर दी कि लोगों की परेशानी दो माह के अंदर ही दूर होने लगा. विशेषज्ञों के अनुसार इस कानून का यदि सही तरीके से प्रचार प्रसार हो तो राज्य के लोगों के लिए यह वरदान साबित होगा. इस कानून की वजह से स्थानीय स्तर से राज्य सरकार के मुख्यालय तक के अधिकारी और कर्मचारी संयम में आ जायेंगे, क्योंकि उन्हें कल शिकायतों का जवाब देना होगा.
साथ ही समय समय पर सरकार इसकी समीक्षा कर शिकायत निवारण के लिए दो माह के समय को कम कर देना चाहिए. इसके पूर्व आम लोगों की समस्याओं, शिकायतों से अवगत होने और उसके त्वरित निवारण के लिए प्रभावकारी व्यवस्था स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 अप्रैल, 2006 से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरू किया था.
दस साल तक चले इस आयोजन के बाद इसकी खुद सीएम ने समीक्षा की और इसे काफी हद तक सफल पाया. जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के आयोजन के क्रम में सीएम ने अनुभव किया कि नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों को और प्रभावकारी ढंग से निराकरण करने और इसे एक संस्थागत रूप देने के लिए इस व्यवस्था को कानूनी रूप दिया जाये.
यहीं से मुख्यमंत्री ने आम लोगों की समस्या को गारंटीपूर्वक निराकरण के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 को 28 अगस्त, 2015 को लागू किया. यह कानून 22 जनवरी, 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार नियमावली के रूप में अस्तित्व में आया.
मुख्यमंत्री ने आम लोगों को कानूनी अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए इस कानून को पांच जून, 2016 को संपूर्ण कांति दिवस व विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लागू कर दिया.
इस कानून के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि नागरिकों को उनकी शिकायतों पर सुनवाई और इसका निवारण का अवसर एक नियत समय-सीमा के अंदर किया जायेगा. साथ ही आवेदक को होने वाली कार्रवाई की सूचना भी जानने का अधिकार मिलेगा. राज्य में चलायी जा रही किसी योजना, कार्यक्रम या सेवा के संबंध में कोई लाभ या राहत मांगने अथवा ऐसा लाभ या राहत प्रदान करने में विफलता या विलंब के लिए अथवा किसी लोक प्राधिकार के कार्य करने में विफलता से, या उस लोक सेवक द्वारा राज्य में लागू किसी विधि, नीति, सेवा, कार्यक्रम या योजना के उल्लंघन से उत्पन्न किसी मामले में, परिवाद दायर करने का अधिकार आम लोगों को दिया गया.
जहां लागू नहीं होगा यह कानून
लोक शिकायत निवारण अधिकारी कानून के तहत लोक सेवक की सेवा शर्त संबंधित मामलों, किसी न्यायालय या अभिकरण से संबंधित मामलों या सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अधीन किसी मामले या बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम, 2011 के अधीन अधिसूचित सेवाओं से संबंधित शिकायत शामिल नहीं की गयी है.
इस अधिनियम को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने स्वतंत्र प्रशासनिक ढांचा विकिसत करते हुए राज्य के 101 अनुमंडलों, 38 जिला मुख्यालयों और 44 विभागों में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों की तैनाती कर दी गयी. इनके सहयोग के लिए बड़ी संख्या में कर्मियों का भी नियोजन किया गया. अधिनियम को लागू करने में तेजी, पारिदर्शिता और इसकी मॉनीटरिंग के लिए वेब पोर्टल तैयार किया गया है. अनुमंडल, जिला और विभाग के लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों को निष्पक्ष और निडर होकर शिकायतों के निष्पादन करने के लिए उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में रखा गया है.
इन लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों के कार्यालय में परिवाद प्राप्त करने के लिए समर्पित शिकायत प्राप्ति काउंटर बनाये गये हैं. सभी विभागों की शिकायतों की केंद्रीकृत प्राप्ति के लिए सूचना भवन, पटना में शिकायत काउंटर स्थापित किया गया है. कोई व्यक्ति लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में बनाये गये लोक शिकायत प्राप्ति केंद्र पर जाकर अपनी शिकायत दायर कर सकता है.
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