प्रभात रंजन / पटना
रेलवे मंत्रालय ने 13 सितंबर को बिहार के लोगों को नयी सौगात के तहत दो हमसफर और दो अंत्योदय ट्रेन दिया. हमसफर पटना-बांद्रा (मुंबई) व सियालदह-जम्मूतवी और अंत्योदय दरभंगा-जलंधर व जयनगर-उधना के बीच परिचालन कराने का निर्णय लिया गया.एक अक्तूबर से इन ट्रेनों की समय सारिणी भी तय कर दी गयी, जिससे बिहार के लोगों को उम्मीद थी कि दीपावली व छठपूजा में नयी ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित हो जायेगा. हालांकि, प्रदेशवासियों को हमसफर के इंतजार में साल बीत गये. लेकिन, परिचालन सुनिश्चित नहीं हो सका. वहीं, इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटना में प्रदेश के 40 से अधिक यात्रियों की मौत हो गयी थी.
नये स्टेशन के साथ नये रूट : दीघा रेल पुल तैयार होने के बाद पाटलिपुत्र जंकशन का फरवरी माह में उद्घाटन करते हुए तीन एक्सप्रेस व चार पैसेंजर व इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन सुनिश्चित किया गया. पैसेंजर व इंटरसिटी ट्रेनों का परिचालन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के साथ-साथ रक्सौल, नरकटियागंज स्टेशन तक सुनिश्चित की गयी, जिससे उत्तर बिहार का हिस्सा रेलवे रूट से जुड़ गया और गांधी सेतु के जाम की झंझट से मुक्ति मिली.
इतना ही नहीं, दानापुर-सोनपुर रेलखंड के साथ-साथ रेलवे पुल का इंलेक्ट्रिफिकेशन का काम अगस्त माह तक पूरा कर दिया गया और एक अक्तूबर को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन का परिचालन सुनिश्चित कर दिया गया. साथ ही पटना जंकशन और मोकामा रेलवे पुल से होकर गुजरनेवाली सात जोड़ी ट्रेनों के रूट बदलते हुए पाटलिपुत्र जंकशन-सोनपुर-हाजीपुर-बरौनी होते हुए परिचालन सुनिश्चित किया गया. ताकि, मोकामा रेलवे पुल के लोड को कम किया जा सके और ट्रेनों का परिचालन ससमय सुनिश्चित की जा सके.
कुछ काम रह गये हैं अधूरे
दानापुर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी आरके सिंह का कहना है कि कुछ काम अधूरे रह गये हैं, जिसे अगले नये वर्ष के शुरुआती माह में ही पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. इसमें जंकशन पर लिफ्ट लगाने की योजना हो या फिर पाटलिपुत्र जंकशन पर वॉशिंग पिट का निर्माण. कई नये स्टेशनों पर भी वाइ-फाई सुविधा मिलेगी.
हादसों के रूप में जाना जायेगा यह साल
वर्ष 2016 हादसों के रूप में भी याद किये जायेंगे. इसकी वजह है कि वर्ष की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना झांसी रेल मंडल के पोखराया स्टेशन के समीप हुई. जिसमें इंदौर-पटना एक्सप्रेस के एसी और स्लीपर कोच पटरी से उतर गये, जिसमें 193 यात्रियों की मौत व साढ़े तीन सौ से अधिक यात्री घायल हुए थे. इस दुर्घटना में बिहार के 40 से अधिक यात्रियों की मौत हुई थी.
साल की उपलब्धियां
- एक दर्जन डेमू ट्रेनों को मेमू में बदला गया
- जंकशन के प्रवेशद्वार पर बैग स्कैनर लगाया गया
- प्लेटफॉर्म टिकट पांच रुपये से बढ़ा कर दस रुपये किया गया
- जंकशन के प्लेटफॉर्म पर वाटर वेंडिंग मशीन इंस्टॉल किया गया
- चार एक्सप्रेस ट्रेनों में एलएसबी कोच लगाये गये